पटना। पटना के कलेक्ट्रेट परिसर में पटना जिला प्रशासन की टीम की ओर से छापेमारी की गयी। छापेमारी जिला मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में की गयी। दरअसल इस परिसर में जन्म और मृत्यु से जुड़े हुए प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। जिला प्रशासन की टीम को लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि यहां बैठे दलाल प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में लोगों से मोटी रकम की उगाही करते हैं। इसी शिकायत को लेकर पटना जिला प्रशासन की टीम ने कलेक्ट्रेट परिसर में जिला मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में छापेमारी की। इस दौरान दो दलालों को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में पता चला कि वसुधा केंद्र कंकड़बाग के नाम से स्वीकृत है जिसे कलेक्ट्रेट परिसर में एक गुमटी में संचालित किया जा रहा था। एक प्रमाण पत्र बनाने के लिए लोगों से 1200 रुपये लिए जाते थे। डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह को शिकायत मिली थी कि कलेक्ट्रेट परिसर में कुछ दलाल लोगों से जन्म-मृत्यु, आय और आवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। इस बीच जिला नियंत्रण कक्ष के प्रभारी सुधीर कुमार के नेतृत्व में दो मजिस्ट्रेट सोमवार के अपराह्न तीन बजे कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। एक मजिस्ट्रेट ग्राहक बनकर वसुधा केंद्र में पहुंचे तथा जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए कहा। केंद्र संचालक ने उनसे 1200 की मांग की। मजिस्ट्रेट ने पूछा कि जन्म प्रमाण पत्र कैसे बनाएंगे तो उसने कहा कि प्रखंड कार्यालय से लेकर नगर निगम तक के कर्मचारी उसके संपर्क में हैं। इसीलिए कोई परेशानी नहीं होगी। दो दिन में प्रमाण पत्र आपके हाथ में मिल जाएगा। इस पर मजिस्ट्रेट ने उसे 1200 रुपये दिये। जैसे ही मजिस्ट्रेट ने केंद्र संचालक को रुपये दिएए वैसे ही अन्य मजिस्ट्रेट और पुलिस वाले पहुंच गए। पुलिस दोनों को पकड़कर गांधी मैदान थाना ले आई। दोनों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि दोनों प्रखंड और नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से जन्म एवं अन्य प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं। इसके एवज में लोगों से काफी अधिक पैसा लेते हैं। उन्होंने बताया कि वसुधा केंद्र संचालित करने के लिए कंकड़बाग में अनुमति मिली थी लेकिन उसने कलेक्ट्रेट परिसर में इसी धंधे को करने के लिए गुमटी को लाकर रख दिया था।
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