सोनिया गांधी आखिरकार कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात के लिए हुईं राजी, कल बुलाई बैठक

कांग्रेस के अंदर हलचल तेज हो गई है। पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेताओं का दायरा बढ़ने से फूट तक का खतरा पैदा होने लगा है, जिसके बाद अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 19 दिसंबर को आपात मीटिंग बुलाई है जिसमें असंतुष्ट नेताओं की मांगों को सुना जाएगा। इस बैठक में सोनिया गांधी पार्टी के 23 असंतुष्ट नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। पिछले दिनों पार्टी के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी के हालात पर नाराजगी जताते हुए एक चिट्टी सोनिया गांधी को लिखी थी जिसके बाद से संकट लगातार गहराता जा रहा है। इस गुट के नेताओं का कहना है कि अब तुरंत अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो पार्टी के अंदर बड़ा बिखराव होना तय है।

ऐसी चर्चा है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में पार्टी नए अध्यक्ष का चुनाव कर सकती है। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी के अंदर शीर्ष स्तर पर नेतृत्व संकट का असर अब राज्यों तक पड़ने लगा है और फिर से पुराने विवाद सामने आने लगे हैं। राजस्थान में भी एक बार फिर सियासी संकट नए सिरे से उभरने की खबरें आने लगी हैं। बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी। इसके बाद वे फिर से कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए।

सूत्रों के अनुसार सीनियर नेताओं ने यह भी साफ संदेश दे दिया है कि नेतृत्व के लिए खुद राहुल गांधी पूरी सक्रियता से सामने आते हैं तो वह स्वीकार्य होगा, लेकिन अगर वह अपनी ओर से किसी डमी उम्मीदवार को अध्यक्ष पद के लिए आगे करते हैं तो वह स्वीकार्य नहीं होगा और ऐसी परिस्थिति में पार्टी टूट की हालत तक जा सकती है। दरअसल ऐसी भी खबरें आईं थीं कि राहुल खुद अध्यक्ष पद न लेकर अपने किसी पसंदीदा-करीबी नेता को इस पद पर बैठा सकते हैं। अंसतुष्ट नेताओं ने चेताया किअगर ऐसा होता है तो वे इसे चुनौती देंगे। इसके अलावा राहुल की टीम को लेकर भी विवाद है।

सूत्रों का कहना है कि  असंतुष्ट नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है।असंतुष्ट नेता और गांधी परिवार के बीच खाई को कम करने और पार्टी को मौजूदा संकट से निकालने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। पार्टी के अंदर अहमद पटेल के असमय निधन के बाद उस पद को भरने वाले संभावित नाम में भी कमलनाथ का नाम आगे चल रहा है।

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