पटना। उपमुख्यमंत्री सह प्रभारी मंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक में मूलत: बाढ़ आपदा का पटना जिला में प्रभाव तथा जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के लिए किए गए कार्य की समीक्षा की गई तथा जनप्रतिनिधियों से आवश्यक सुझाव व विचार लिया गया। बैठक डीएम डा चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि पटना जिला अंतर्गत 23 प्रखंडों के 12 प्रखंड, 91 पंचायत तथा 405 वार्ड बाढ़ प्रभावित हुए। बाढ़ से प्रभावित परिवार की संख्या 91124 तथा प्रभावित जनसंख्या 348932 है ।
बाढ़ से हुई क्षति पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया गया कि जिले में 3322 झोपड़ी, 2039 कच्चा घर, 2614 पशु शेड, 13312.85 हेक्टेयर फ सल की क्षति तथा 165 सड़क क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिले में निष्क्रमित आबादी की कुल संख्या 24517,चलाए गए नाव मोटरबोट की कुल संख्या 289, कुल वितरित पॉलिथीन सीट 28391 है। एसकेएम गांधी मैदान तथा प्रखंड में पैकिंग किए गए सूखे राशन का 87876 पैकेट का वितरण बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों के बीच किया गया। जिले में कुल 17 आपदा राहत केंद्र चलाए गए जिसमें 442937 व्यक्तियों को भोजन कराया गया तथा 7493 किट वस्त्र एवं बर्तन का वितरण आपदा राहत केंद्र में किया गया। खिलौनों, कपड़ों एवं बर्तन के साथ प्रत्येक नवजात बच्ची को 15000 का चेक और नवजात लड़के को 10000 का चेक दिया गया।
बाढ़ प्रभावितों के बीच 30 रसोई केंद्र संचालित किए गए जिसमें भोजन करने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या 428993 है तथा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दूध भी वितरित किये गये। राहत केंद्र पर भाई बहनों के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया गया। जनार्दन घाट पर खुद जिलाधिकारी ने रक्षाबंधन पर्व पर उपस्थित होकर रक्षासूत्र बंधवाया। बैठक में सांसद, विधान पार्षद,विधायक एवं राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों से भी आवश्यक सुझाव विचार एवं फ ीडबैक प्राप्त किए गए। जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ के दौरान घर एवं फसल की क्षति का मुआवजा देने तथा बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़क तथा अन्य अतिरिक्त सड़कों की भी मरम्मति कराने का सुझाव दिया। बैठक में अन्य विधायक व विधानपार्षद भी उपस्थित थे।
श्वेता / पटना