आपने पहाड़, नदी, बर्फ, समुद्र और ऐतिहासिक इमारतों की सैर तो खूब की होगी, लेकिन जल्द ही आपको डिफेंस टूरिज्म यानि रक्षा पर्यटन का भी आनंद मिलेगा। इस दिशा में रक्षा मंत्रालय ने योजना तैयार करनी शुरू कर दी है। दरअसल, केंद्र सरकार अब रक्षा पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत देश के सीमावर्ती इलाकों में किये गए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के बुनियादी विकास को पर्यटन से जोड़ा जा रहा है। इन तक पहुंच आसान बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक पर्यटन पोर्टल का उद्घाटन किया। इस वेबसाइट के जरिये अटल टनल, रोहतांग टनल के गाइडेड टूर के लिए केवल ई-बुकिंग उपलब्ध होगी।
बॉर्डर पर परियोजनाओं का कर सकेंगे दीदार
इस पोर्टल से ई-बुकिंग करके बीआरओ की विश्व प्रसिद्ध परियोजनाओं में उमलिंग ला दर्रे पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क, अत्याधुनिक द्वि-लेन सेला सुरंग और नेचिफू सुरंग तक भी जाने का मौका मिलेगा। इसके बाद जल्द ही लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश ने हुए विकास को भी पर्यटन क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर महानिदेशक सीमा सड़क (डीजीबीआर) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने वेबसाइट https://marvels.bro.gov.in से ई-बुकिंग करके पहला टिकट रक्षा मंत्री को दिया। राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि यह वेबसाइट दूर-दराज के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेगी।
पर्यटन स्थल विकसित होंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे
रक्षा मंत्री ने कहा कि वेबसाइट में पर्यटन स्थलों और स्थानीय वनस्पतियों और जीवों की फोटो और वीडियो गैलरी को भी शामिल किया गया है। इन प्रयासों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, पर्यटन स्थल विकसित होंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।आने वाले समय में यह पोर्टल बीआरओ की परियोजनाओं के इतिहास और उसके महत्व के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि अटल सुरंग के निर्माण के बाद उस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या छह गुना बढ़ गई। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यटन और यात्रा उद्योग दुनिया में सबसे बड़ी नौकरी और धन सृजनकर्ताओं में से एक है और सरकार ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।
राष्ट्र निर्माण में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका
रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले छह दशकों में बीआरओ ने दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से 60 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों, 850 प्रमुख पुलों, 19 हवाई पट्टियों और चार सुरंगों का निर्माण करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने राष्ट्र के विकास में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों, पुलों और सुरंगों से सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी होने के अलावा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलता है।
रक्षा पर्यटन को बढ़ावा देने के तैयार होगी योजना
उन्होंने कहा कि अटल सुरंग और उमलिंग ला दर्रा बीआरओ की सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं, जिन्होंने भारत को दुनिया के नक्शे पर ला खड़ा किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के अधिकारियों से रक्षा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक योजना तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्रों, युद्ध स्मारकों, युद्ध संग्रहालयों, प्रशिक्षण अकादमियों या अन्य समान रक्षा प्रतिष्ठानों के दौरे आयोजित करने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा होने के साथ ही राजस्व भी पैदा होगा।