बिहार की बेटियां बन रही ‘सक्षम’, दीक्षांत समारोह में मिला प्रमाण पत्र, नए बैच का भी हुआ उद्घाटन

हीरो मोटोकॉर्प और ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल की पहल से तीन जॉब रोल में दी जा रही है ट्रेनिंग, 20,000 बेटियों को प्रशिक्षित करने का रखा गया है लक्ष्य

हाजीपुर, 6 जुलाई 2025: बिहार के वैशाली (हाजीपुर) में आज ‘सक्षम परियोजना’ के तहत प्रशिक्षित महिलाओं का दीक्षांत समारोह और नई प्रशिक्षण बैच का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। यह महिला-केंद्रित कौशल विकास पहल हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड के सहयोग से और ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल द्वारा संचालित की जा रही है।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि चिराग पासवान, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। उनके साथ स्थानीय विधायक अवधेश सिंह, विवेक कुमार, एमडी व सीईओ, विजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, हीरो मोटोकॉर्प और एएसडीसी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस अवसर पर ऑटोमोटिव टेली कॉलिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल सर्विस असिस्टेंट, और ऑटोमोटिव सेल्स एग्जीक्यूटिव जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, साथ ही नए बैच का स्वागत भी किया गया।

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि इन बेटियों को कौशल प्रशिक्षण और सर्टिफिकेट के बाद प्‍लेसमेंट बदलते बिहार की तस्‍वीर है। भारत सरकार के स्किलिंग पहल का नतीजा है कि महिलाएं उन क्षेत्रों में कदम रख रही हैं, जिन्हें पहले पुरुष-प्रधान माना जाता था। एएसडीसी के पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में ग्रामीण स्‍तर पर भी बहुत मौके है। इलेक्ट्रिक व्‍हीकल के आने से यह मौके और बढ़ रहे है। उन्‍होंने आने वाले वक्‍त में सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस शुरू करने का विचार रखा।

एएसडीसी के वाइस प्रेसिडेंट विनकेश गुलाटी ने परियोजना के बारे में बताते हुए कहा कि सक्षम एक परिवर्तनकारी पहल है, जो ऑटोमोटिव क्षेत्र में महिलाओं को प्रोत्‍साहित करता है। पहले चरण में 4,113 महिलाओं को प्रशिक्षित, 3,716 का मूल्यांकन, और 3,555 महिलाओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए जा चुके हैं। पर इसकी असली सफलता उन जीवनों में दिखती है जो इससे बदले हैं।

उन्होंने बताया कि सक्षम फेज-2 की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें देशभर में 20,000 महिलाओं को 8 प्रमुख ऑटोमोटिव जॉब रोल्स में प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। अब तक 4848 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका हैं। जैसे-जैसे सक्षम परियोजना भारत के विभिन्न हिस्सों में विस्तार पा रही है, यह महिलाओं के लिए न केवल रोजगार बल्कि आत्मनिर्भरता और समानता का प्रतीक बनती जा रही है। सक्षम यह संदेश देता है—जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तब देश आगे बढ़ता है।

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