देश के अंतिम व्यक्ति तक मदद पहुँचाने के उद्देश्य में सीएससी ई स्टोर होगा कारगर, पीएम मोदी की दूरदर्शिता है काबिले तारीफ

मधुप मणि “पिक्कू”

वर्तमान पीढ़ी को ऐसे दौर से गुजरना पड़ेगा शायद किसी ने यह सपने में भी नहीं सोचा होगा। वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को शिथिल कर दिया है। सभी वैसे देश जहाँ महामारी अपने चरम पर है वह के प्रमुखों के माथे पर चल रहे पसीने को भांपना कठिन नहीं है। अमेरिका जैसे मजबूत देश की कमर टूट गयी है। ऐसे में भारत देश जिस प्रकार संघर्ष कर रहा है वह निश्चय ही तारीफे काबिल है। पुरे विश्व के आंकड़ो की बात करें तो भारत मजबूत स्थिति में है। भारत ने कोरोना को फैलने से रोकने में बहुत हद तक सफलता प्राप्त की है। जबकि यह लड़ाई की शुरुआत है।

मैंने कई लोगों से इस लॉक डाउन के दौरान बातें की और कई जगहों पर सामाजिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान यह पाया की पीएम मोदी और उनकी टीम के मंत्री ख़ास कर रविशंकर प्रसाद की कार्यशैली बहुत अच्छी रही है। भारत सरकार और देश के पीएम मोदी की दूरदर्शिता की तारीफ़ करनी होगी कि ऐसी परिस्थिति से लड़ने के लिए बेहतरीन योजनाओं का क्रियान्वयन किया है। जब लॉक डाउन में सब कुछ ठप्प है शिथिल है वैसे समय में अपने पूर्व में किये कुछ ऐसे कार्य हैं जिससे आम जन जो सुदूर देहातों में रहते हैं उन्हें सीधे तौर पर फायदा मिल रहा है।

आधार युक्त पेमेंट सिस्टम को शुरू करने में पीएम नरेंद्र मोदी और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने शायद कभी ये नहीं सोचा होगा की लॉकडाउन में यह सर्विस लोगों को इस कदर फायेदा पहुंचाएगा। डीजी पेय के नाम से चल रही ये योजना आईटी मिनिस्ट्री के अंतर्गत संचालित कॉमन सर्विस सेण्टर जो लगभग देश के हर गाँवो और पंचायतों में है चलायी जाती है। इससे कोई भी व्यक्ति बगैर चेक बगैर एटीएम और बगैर पासबुक के अपने अकाउंट से अपने पैसे की निकासी कर सकता है। इसके लिए सिर्फ आधार नंबर की आवश्यकता होगी। लॉक डाउन में लोगों को खास कर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए ये वरदान साबित हो रहा है।

मेरे एक मित्र ने बताया कि उनके एक कर्मचारी का गिर जाने से हाँथ में गंभीर चोट आ गई है ऐसे में वो शहर आने में असमर्थ है और गाँव में इलाज के लिए 2 से 3 हज़ार का खर्च बता रहा है, आसपास कोई बैंक भी नहीं है और उसके पास एटीएम भी नहीं है, क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है। मुझे तुरंत कॉमन सर्विस सेण्टर का ध्यान आया और मुझे लगा कि शायद डीजी पेय के माध्यम से उसकी मदद की जा सकती है। मैंने अविलम्ब उस क्षेत्र के सीएससी सेण्टर का पता करवाया और वहां बात कर के उस कर्मचारी के अकाउंट में अपने मित्र को कह कर पैसा ट्रान्सफर करवाया। उस कर्मचारी ने सिर्फ अपने आधार नंबर के साथ पैसे की निकासी कर ली। मेरे मित्र ने इस कार्य को कर पीएम मोदी और मंत्री रविशंकर प्रसाद का धन्यवाद करते हुए कहा कि “वाकई में लग रहा है कि देश आगे बढ़ रहा है।”

वहीं काँमन सर्विस सेंटर अपने जुझारू योद्धा के रूप बिहार सहित देश के सभी पंचायत मे अपनी उपस्थिति दर्ज कर अपने समाजिक कार्यो का निर्वहन कर रहे है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्ववाहन पर जो सात कार्यों को करने की सलाह दी गयी थी उसमे से एक आरोग्य सेतु एप्प को डाउनलोड करने और कराने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। सीएससी ने अपने डिजिटल योद्धाओं के माध्यम से मात्र एक सप्ताह मे 1 करोड़ 80 लाख से अधिक और बिहार में 16.36 लाख लोगों से यह एप्प डाउनलोड कराने में सहयोग किया।

आज जहाँ कई देशों की स्थिति बहुत ही बुरी है वैसी हालत में भारत में हर परिस्थिति का मुकाबला करने वाले योद्धा हैं, जो परिस्थतियों के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं। मैंने इस बीच महसूस किया और देखा भी कि कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने जो एप्प लांच किया उसे डाउनलोड करने और कराने में सीएससी सेण्टर के संचालक और उससे जुड़े एनजीओ का बहुत महत्वपूर्ण रोल रहा है।

इतना ही नहीं इसी सीएससी सेण्टर के द्वारा टेलीमेडिसिन योजना के द्वारा घर बैठे बड़े-बड़े अस्पतालों से ऑनलाइन इलाज की जो प्रक्रिया शुरू हुई थी आज वह बहुत बेहतर साबित हो रही है। इसके माध्यम से किसी भी कॉमन सर्विस सेण्टर पर जाकर या ऐसे व्यक्ति जो चलने में सक्षम नहीं हैं उनके घर पर जाकर मोबाइल या लैपटॉप के माध्यम से सीधे विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बड़े अस्पतालों और बड़े डॉक्टरों से इलाज करा सकते हैं। सेवा एक वरदान के रूप मे सी एस सी भी एल के द्बारा दिया जा रहा है।

पीएम मोदी की ये डिजिटल क्रांति सेना के सामाजिक दायित्वों का जीता जागता उदहारण यह है कि सीएससी के सीईओ डा० दिनेश त्यागी के आह्वान पर न सिर्फ सीएससी सेण्टर और सीएससी सोसाइटी वाले बल्कि इससे जुड़े कई गैर सरकारी संस्थाएं, एनजीओ ने अपनी समाजिक उपस्थिति दर्ज कराते हुए मास्क और सैनेटाइजर का वितरण लगातार कर रहे हैं। साथ हीं कई जगहों पर जरूरतमंदो के बीच राशन वितरण भी कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक लगभग कुछ महत्वपूर्ण सीएससी सोसाइटी और संस्थाओं द्वारा यह कार्य किया जा रहा  है। इसी क्रम भागलपुर और पटना की कुछ सोसायटी / एनजीओ के द्बारा मास्क बना कर वितरण किया जा रहा है। जमुई और बेगूसराय मे भी सीएससी सेण्टर या दूसरी संस्थाओं ने भी मास्क का वितरण किया। जिस वक़्त महामारी आरम्भ हुई थी उस वक़्त अचानक मास्क की बहुत किल्लत हो गयी थी। जहाँ मिल रही थी वहां भी या तो काफी कम संख्या में या ब्लैक में। ऐसे में सोसाइटी ने मास्क बनाकर वितरण का कार्य किया।

डा० दिनेश त्यागी

वैशाली और नालंदा मे सोसाइटी ने जागरूकता वैन चला कर लोगो को सुरक्षित रहने की जानकारी दी। कुछ ऐसे संगठन भी हैं जो बगैर किसी नाम के सिर्फ अपना कार्य बखूबी निभा रहे हैं और देश के प्रति अपना फर्ज अदा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि जो जहाँ है और सक्षम है वो दुसरे की मदद करें। निश्चित तौर पर हम उसमे खरे उतर रहे हैं।

वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या लोगों को रोज मर्रा के सामानों की हो गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिस प्रकार राशन की दुकानें और सब्जी के हाट कभी-कभी और दूर होते हैं वैसे में सीएससी के सीईओ डॉक्टर दिनेश त्यागी ने अपने सीएससी सेण्टर के माध्यम से सीएससी ई स्टोर की योजना आरम्भ कर दी है। इसके अंतर्गत सीएससी संचालक आवश्यक सामानों की डिलेवरी घर पर करा देंगे। यह योजना सीएससी ग्रामीण ई स्टोर एप्प के माध्यम से क्रियान्वित हो रही है।

मधुप मणि “पिक्कू”
मुख्य संपादक, रेस मीडिया ग्रुप
(केन्द्रीय संयुक्त सचिव, वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन और इंडिया)

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