COVID & FLOOD UPDATE : बिहार में करीब 98 प्रतिशत राशन कार्डों का किया जा चुका है वितरण, सुचना सचिव ने दी जानकारी

पटना, 04 अगस्त 2020:- वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद। सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क  अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य  लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय  जितेन्द्र कुमार, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जीतेन्द्र श्रीवास्तव, अपर सचिव आपदा प्रबंधन  रामचंद्र डू एवं जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

उद्योग के क्षेत्र में एम.एस.एम.ई. को बढ़ावा देने के लिए करने हैं सभी आवश्यक उपाय

सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क  अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण और बाढ़ की स्थिति को लेकर सरकार द्वारा समीक्षा कर लगातार आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। कल बिहार विधान मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दोनों सदनों में इन विषयों पर विस्तार से वक्तव्य दिया गया था। सरकार का फोकस मुख्य रूप से कोविड-19 की जाॅच की संख्या को बढ़ाना है। उद्योग के क्षेत्र में एम0एस0एम0ई0 को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने हैं। सभी सुयोग्य परिवारों को राशन कार्ड मिले और उन्हें राशन मिले, ये सरकार की प्राथमिकता है। सभी बाढ़ पीड़ितों को एस0ओ0पी0 के तहत पूरी सहायता मिले। सचिव सूचना ने बताया कि बाढ़ कि स्थिति में सुधार हुआ है।

करीब 98 प्रतिशत राशन कार्डों का हुआ वितरण

अनुपम कुमार ने बताया कि गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवारों के लिए 23 लाख 38 हजार 990 नये राशन कार्ड बने हैं। इनमें से अब तक 22 लाख 81 हजार 407 राशन कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। इस प्रकार करीब 98 प्रतिशत राशन कार्डों का वितरण किया जा चुका है। राशन कार्ड विहीन परिवारों को इससे काफी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन पर भी सरकार का पूरा ध्यान है और लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 12 करोड़ 51 लाख 31 हजार से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है।

सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 2,252 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 40,760 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार का रिकवरी रेट 65.71 प्रतिशत है। 03 अगस्त को कोविड-19 के 2,464 नये मामले सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 20,921 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बिहार राज्य में 38,215 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 6,87,154 है।

अब तक 17 कांड दर्ज किये गये हैं और 21 व्यक्तियों की गिरफ्तारी

अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 05 कांड दर्ज किये गये हैं और 04 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान 462 वाहन जब्त किये गये हैं और 11 लाख 62 हजार 700 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। इस प्रकार 01 अगस्त से अब तक 17 कांड दर्ज किये गये हैं और 21 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। कुल 2,468 वाहन जब्त किए गए हैं और 60 लाख 46 हजार 300 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 4,870 व्यक्तियों से 02 लाख 43 हजार 500 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। इस प्रकार 01 अगस्त से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 19,119 व्यक्तियों से 09 लाख 55 हजार 950 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं

हर घर नल का जल योजना अभी तक विभाग द्वारा लगभग 60 प्रतिशत घरों में हाउस कनेक्शन दिया जा चुका है

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को राज्य सरकार द्वारा हर घर नल का जल योजना को क्रियान्वित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश में इस काम को करने में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग अग्रसर रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी राज्य सरकार ने हर घर नल का जल योजना को इससे मुक्त रखा था, उसी का नतीजा है कि विभाग ने लॉकडाउन में काम करते हुए काफी प्रगति हासिल की है। 56 हजार 80 वार्ड लक्ष्य के रुप में चिन्हित हैं उसके विरुद्ध अभी तक 31,717 वार्ड यानि कि लगभग 60 प्रतिशत से ऊपर कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 90 लाख हाउस होल्ड कनेक्शन का लक्ष्य है, उसमें 50.75 लाख हाउस कनेक्शन दिया जा चुका है। लॉकडाउन की अवधि में लगभग 18 हजार 41 वार्डों में 31 लाख 78 हजार हाउस कनेक्शन दिये गये हैं। अभी तक विभाग द्वारा लगभग 60 प्रतिशत घरों में हाउस कनेक्शन दिया जा चुका है। शीघ्र ही इस योजना को लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण कर लिया जायेगा। केन्द्र सरकार ने इस योजना को सराहा है और शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हर घर नल का जल योजना की पहचान स्थापित होगी।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि इसके अलावा विभाग को जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत कुंओं के जीर्णोद्धार का काम भी सौंपा गया है। अभी तक 3,316 कुंओँ का जीर्णोद्धार किया जा चुका है। ये लक्ष्य का लगभग 50 प्रतिशत से ऊपर है। हर घर नल का जल का अनुश्रवण सही समय पर हो सके, इसके लिए विभाग द्वारा आई0ओ0टी0 डिवाइस के माध्यम से अनुश्रवण स्थापित करने की प्रक्रिया की जा रही है। इससे रियल टाइम में सूचना प्राप्त होगी कि हमारी कौन सी योजना चल रही है। यह एक बहुत बड़ा इनोवेशन है। राज्य सरकार की पहल पर हमलोग इसको लागू कर रहे हैं। भारत सरकार ने भी इस इनोवेशन को सराहा है। भारत सरकार भी शीघ्र ही अपनी योजनाओं में इसे लागू करने को लेकर रणनीति तैयार कर रही है।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि मुख्य सचिव के स्तर पर निर्णय हुआ था कि एक संयुक्त स्टेट वाटर कंट्रोल रुम स्थापित किया जाए। जहां संयुक्त रुप से पंचायती राज और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की योजनाओं का रियल टाइम में मॉनिटरिंग हो सके। स्टेट वाटर कंट्रोल रुप स्थापित हो जाने से रियल टाइम में लगभग एक लाख 10 हजार से अधिक योजनाओं की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इसको लेकर दोनों विभाग की ओर से कमिटियां गठित हैं। जल्द ही इसको स्थापित करने को लेकर कार्रवाई शुरू हो जायेगी।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लगभग 34 हजार चापाकल की मरम्मती की गई है। इसके अलावा 3 हजार नये चापाकल लगाए गए हैं। अभी हाल में स्थापित किये गए क्वारंटाइन सेंटर्स में भी विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्थापित किये गये 5,350 क्वारंटाइन सेंटरों में 29 हजार शौचालयों का निर्माण किया गया था। करीब 12 हजार महिला स्नानागार का निर्माण किया गया था। करीब साढ़े पांच हजार चापाकल लगाए गये थे। सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण ने बताया कि क्वालिटी को लेकर विभाग मुस्तैद है। उन्होंने बताया कि त्रि-स्तरीय इंस्पेक्षन के पष्चात ही योजनाओं के जरूरी सामान की आपूर्ति ली जाती है और त्रि-स्तरीय जाॅच के पष्चात ही योजना बंद की जाती है।

पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में हल्की वृद्धि दर्ज की गयी है

जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने बताया कि गंडक नदी में आज 12 बजे दिन में 1,55,600 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति स्थिर है। पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में हल्की वृद्धि दर्ज की गयी है। गंगा नदी का जलस्तर गांधी घाट में आज सुबह 6 बजे 47.90 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे है। कोसी नदी का आज 12 बजे दिन में 1,86,985 क्सूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है। सोन नदी का आज 12 बजे दिन में 15,368 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है। बागमती नदी का जलस्तर ढ़ेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद एवं हायाघाट स्थलों पर खतरे के निशान से क्रमशः 0.19 मीटर, 0.11 मीटर, 1.67 मीटर, 0.96 मीटर, एवं 2.24 मीटर ऊपर है। कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर वीयर एवं झंझारपुर रेलपुल के डाउनस्ट्रीम के पास खतरे के निशान से क्रमशः 0.15 मीटर एवं 0.95 मीटर ऊपर है। महानंदा नदी का जलस्तर ढ़ेंगराघाट गेज स्थल पर खतरे के निशान से 0.01 मीटर ऊपर है एवं तैयबपुर में खतरे के निशान से 0.20 मीटर नीचे है। अधवारा नदी का जलस्तर सुंदरपुर एवं पुपरी गेज स्थल पर खतरे के निशान से क्रमशः 0.55 मीटर एवं 0.41 मीटर ऊपर है तथा सोनवर्षा गेज स्थल पर खतरे के निशान से 2.95 मीटर नीचे है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकंदरपुर, समस्तीपुर रेलपुल, रोसड़ा रेलपुल एवं खगड़िया पर खतरे के निशान से क्रमशः 1.07 मीटर, 2.57 मीटर, 3.87 मीटर एवं 1.24 मीटर ऊपर है। बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण मुजफ्फरपुर के सकरा के पास नया उच्चतम जलस्तर 51.42 मीटर दर्ज हुआ, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 55 सेंटीमीटर अधिक है। इसके साथ ही समस्तीपुर के रोसड़ा के पास नया उच्चतम जलस्तर 46.47 मीटर दर्ज हुआ, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 12 सेंटीमीटर अधिक है।

जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने बताया कि मुख्य अभियंता गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। जल संसाधन विभाग द्वारा सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 120 प्रखंडों की 1,152 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। गोपालगंज में 11, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 17 राहत शिविरों में कुल 17,916 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 1,365 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 9,52,481 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 4,40,507 लोगों को निष्क्रमित किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेचुटस रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 03 लाख 05 हजार 190 परिवारों के बैंक खाते में कुल 183.11 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

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