न्यायालय औऱ संविधान का अपमान करना आपातकाल लगाने बाले कांग्रेस गठबंधन के डी. एन. ए में – विजय कुमार सिन्हा

संवैधानिक पद पर बैठे लोगों में संयम और धैर्य की आवश्यकता,

संबैधानिक संस्थाओं का अपमान करने वाले लोकतंत्र का हितैषी नहीं।

पटना, 07 जुलाई 2023

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस पार्टी द्वारा राहुल गांधी पर माननीय उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में पटना में सड़क पर जुलूस और प्रदर्शन निकालने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि न्यायालय का अपमान करना कांग्रेस गठबंधन के डी.एन.ए में है।

श्री सिन्हा ने कहा कि देश की जनता जानती है कि माननीय प्रयागराज उच्च न्यायालय द्वारा तत्कालीन कांग्रेस के मुखिया और देश के प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दिए जाने पर देश में इमरजेंसी लगा दिया गया था। संवैधानिक संस्थाओं का दमन एवं अपमान करना कांग्रेस गठबंधन की पुरानी आदत है।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार में कांग्रेस गठजोड़ में सरकार बनते ही यहां भी संविधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों के द्वारा तानाशाही एवं संविधान को शर्मसार करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्तियों को धैर्य एवं मर्यादा का पालन करना चाहिए। सदन नेता और विरोधी दल नेता दोनों के सम्मान में सदन के संरक्षक की भूमिका में पारदर्शिता दिखनी चाहिए।

श्री सिन्हा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में कर्तव्य का निर्वहन करने में सरकार एवं संलग्न संस्थाओं की खामियां एवं अनियमितता को उजागर करना उनका दायित्व है। इससे परेशान होकर सरकार के दबाव में संवैधानिक पद पर बैठे लोगों द्वारा अनाप शनाप बयान दिया जा रहा है। वे इससे डरने वाले नहीं हैं और नेता प्रतिपक्ष पद को नीचा दिखाने की कोशिश का करारा जवाब देंगे।

श्री सिन्हा ने कहा कि मंत्री स्तर का दर्जा रहने के बावजूद वाहन, कर्मी एवं कार्यालय सुविधाओं को सरकार की अनिच्छा के कारण बार-बार नकारा जा रहा है। संवैधानिक संस्था में हो रही नियुक्तियों में अनियमितता से बिहार की जनता को अवगत कराना उनका दायित्व है।पत्र का जबाब नहीं देना औऱ बैठक की कार्यवाही की कॉपी नहीं देना आम बात हो गई है। पद पर बैठे लोग या भूल रहे हैं कि किस प्रकार अनियमितता और घोटाला करने के आरोप में दोष सिद्ध होकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जेल की हवा खा चुके हैं। पद पर बैठे लोगों को समझना होगा कि सरकार के दबाव में पद की गरिमा गिरती है। विधायिका का सम्मान प्रोटोकोल और विशेषाधिकार पर गंभीरता क्यों नहीं दिखाई पड़ती है।

श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार एवं संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के धमकाने और नीचा दिखाने से तथ्य और वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं होगा। वे राज्य में भ्रष्टाचार ,प्रशासनिक अराजकता,अपराध ,लूट ,हत्या और जनता का दोहन मामले को प्रमुखता से उठाते रहेंगे।

श्री सिन्हा ने कहा कि अध्यक्ष, बिहार विधान सभा द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक में उन्होंने पिछले बैठक की कार्यवाही की माँग की जिसे परम्परा का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया गया।इसके विरोध में उन्होंने औऱ भाजपा के मुख्य सचेतक श्री जनक सिंह ने बैठक का बहिष्कार किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *