पटना। डीएम डॉ चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में फ सल अवशेष प्रबंधन के लिए जिला स्तरीय अंतर्विभागीय कार्यसमूह की बैठक की गई। उक्त बैठक में जिलाधिकारी द्वारा खेतों में फ सल अवशेष को जलाने से मिट्टी, स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर पडऩे वाले बुरे प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने बताया कि किसानों द्वारा मजदूरों के अभाव में फसलों विशेषकर धान व गेहूँ के कटनी के उपरान्त फ सल अवशेष खुट्टी, पुआल, भूसा को खेतों में ही जला दिया जाता है। इससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है।
इस समस्या के निराकरण हेतु जिलास्तर पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय होना तथा उनके कार्यो एवं दायित्वों का निर्धारण करना आवश्यक है। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित संबंधित 9 विभागों के पदाधिकारियों को उनके कार्य एवं दायित्वों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कृषि विभाग जिला में आत्मा एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण करेंगे। पंचायत स्तर पर आयोजित किसान चौपाल तथा कृषि विभाग के अन्य कार्यक्रमों में फसल न जलाने के संबंध में किसानों को जागरूक करना होगा।
फसल जलाने से वायुमण्डल में कार्बन डाईऑकसाईड, कार्बन मोनो ऑक्साईड तथा वोलाटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड की मात्रा बढ़ती है जिसके कारण वायु प्रदूषित होता है और जलवायु परिवर्तन का एक कारण हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएनएम एवं आशा कार्यकत्र्ता के माध्यम से फ सल को जलाने के कारण मनुष्य विशेष कर छोटे बच्चों के स्वास्थ्य एवं श्वास लेने मे तकलीफ होती है। इसके कारण और भी कई बिमारियाँ होती है। जागरुक किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक के पाठ्यक्रम में फ सल अवशेष को खेतों में न जलाने पर अध्याय तैयार किया जाएगा।
छात्र छात्रों के बीच फसल अवशेष न जलाने पर वाद विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला का आयोजन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने फ सल अवशेष प्रबंधन के उपकरणों के बारे में आमजन को जागरूक करने की बात पर जोर दी। फसल अवशेष प्रबंधन के आधुनिक उपकरण हैप्पी सीडर, जीरो टाईलिज, रोटरी मल्र्चर, रोटरी बेलर एवं सुपर सीडर की उपयोगिता के बारे में व्यापक जन प्रसार की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी संबंधित पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण करें, किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में प्रतिक्रिया लें एवं उन्हें इन आधुनिक उपकरणों के बारे में बतायें।
जिलाधिकारी ने बताया कि 15 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक आत्मा के द्वारा विभिन्न पंचायतों में पंचायत चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। बैठक में जिला वन पदाधिकारी, अपर जिला दण्डाधिकारी आपूर्ति, अपर समाहत्र्ता आपदा प्रबंधन, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकरी एवं अन्य संबंधित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।