पटना। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान के तालिबानियों को धार्मिक उन्मादी कह कर आलोचना की जाती है। कानून में विश्वास नहीं करते और आतंकी हमलावर की संज्ञा दी जाती है। हमारे देश में गौ रक्षक के नाम पर तथा कथित सत्ता संरक्षित और पोषित संगठनों द्वारा भीड़ बनाकर हमला करने की कार्रवाई क्या तालीबानियों से कम है।
उन्होंने कहा कि गौ रक्षकों द्वारा गौ रक्षक के नाम पर पिछले तीन वर्षों में 95 प्रतिशत मुस्लिम लोगों पर हमला और हत्या किया गया है। क्या यह धार्मिक उन्माद और तालीबानी का कार्रवाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगस्त 2020 में दिल्ली के रिढ़ाला भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में अनुराग ठाकुर प्रचार करते समय शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे धरना के विरूद्ध में नारा लगाया गया। जिसे इनाम में राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। कपील मिश्रा को दिल्ली के 2020 के साम्प्रदायिक हिंसा में 46 लोगों की जाफ राबाद क्षेत्र में हत्या के आरोपी को सरकार द्वारा वाई$ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई।
उन्होंने कहा कि बंधुआ मजदूर मुक्त के लिए काम करने वाले स्वामी अग्नीवेश जी को झारखंड के पाकूड़ में भीड़ उन्मादियों द्वारा पीटाई कर कपड़े फाड़ दिये गये गालियां दी गई। आंतरिक चोट के कारण उनकी मृत्यु इलाज के दौरान हो गयी। लोहिया को पहले दिवाल से हटाया और अब विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से हटाने का प्रयास भी तालीबानी हरकत है।
उन्होंने कहा कि पहले तो लोहिया के चित्र को दिवाल से हटाया गया। सरकार में बैठे लोग लोहिया के विचारों को आदर्श मानते हैं लेकिन लोहिया के चित्र को विधान सभा के अध्यक्ष के चैंबर से हटा दिया जाता है। मात्र लोहिया का नहीं संविधान निर्माता डॉ0 अम्बेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर के चित्र को भी दीवाल से हटा दिया गया। अब विश्वविद्यालय के पाठयक्रम से जेपी, लोहिया को हटाया जा रहा है।
श्वेता / पटना