पटना। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री बिहार कार्यालय ने अपेडा और एचडीएफसी बैंक के सहयोग से होटल पनाश में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सम्मेलन का आयोजन किया।
इस कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सम्मेलन ने बिहार से ओडीओपी उत्पाद निर्यात, निर्यात बाजार पहचान, इस क्षेत्र में उपलब्ध वित्त और मूल्य संस्करण और आय पर ध्यान केंद्रित किया है। यह कार्यक्रम बिहार राज्य के सभी उद्यमियों, निर्यातकों और उभरते निर्यातकों के लिए जरूरी था।
पीएचडीसीआई बिहार चैप्टर के अध्यक्ष सत्यजीत सिंह ने कहा कि पीएचडीसीआई राज्यों के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सदस्यों के सुझावों के लिए आगे आने और बिहार को खाद्य प्रसंस्करण केंद्र बनाने के लिए हाथ मिलाने के लिए एक जिम्मेदार कक्ष है। वहीं नाबार्ड बिहार के एजीएम बैजनाथ सिंह ने आईएफ योजना के बारे में कहा कि जहां एक उद्यमी नवाज से दो करोड़ रुपए तक का सम पाश्र्विक मुक्त ऋण ले सकते हैं।
बिहार कृषि पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बीज और प्रौद्योगिकी आवश्यकता के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराई गई। वियतनाम और थाईलैंड जैसे छोटे देशों का उदाहरण दिया जिनके पास कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में केवल 2-3 अद्वितीय उत्पाद हैं लेकिन बाजार में प्रभुत्व है और बिहार में वही काम करने की क्षमता है।
बिहार के मखाने के बाद बाजरा और केला अगला सुपर फूड है। वहीं प्रो डॉ राणा सिंह निदेशक, चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना ने पूरी तरह से डेटा पर भरोसा करने के बजाय अपना खुद का शोध करने के लिए कहा।