वैश्विक महामारी कोरोना से चिंतित केंद्र और राज्य सरकार ने कई बड़े-बड़े कदम उठायें हैं। लॉक डाउन के बाद ही महामारी का संक्रमण थमता नजर नहीं आ रहा है। ताजा आंकड़े के मुताबिक देश में अभीतक 799 संक्रमण के मामले आये है जिसमे 20 की मौत हो चुकि है वही 83 लोग ठीक भी हुए हैं। आज कोरोना वायरस के 15 नए मरीजों की भी पुष्टि हुई है।
बिहार में राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। लोगों के पलायन पर ही सरकार काफी गंभीर दिख रही है। हालाँकि दुसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे लोगों के लिए सरकार ने जो बसें चलवा रही है उसे बिहार के मुख्यमंत्री ने गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक गलत कदम साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विशेष बस से लोगों को भेजना एक गलत कदम है। उन्होंने कहा कि इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल होगा। जो जहां हैं उनके लिये रहने खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए।
गौरतलब है कि दिल्ली-एन0सी0आर0 से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल निकल रहे हैं। इसे देखते हुए यू0पी0 सरकार ने 200 बसों का इंतजाम किया है, ये बसें नॉएडा -गाजियाबाद से हर दो घंटों में रवाना होंगे।
इन बसों ज्यादातर पूर्वांचल और बिहार के यात्री हो सकते हैं। कई दिनों से परेशानी झेल रहे इन यात्रियों के लिए राहत वाली बात हो सकती है लेकिन सच्चाई ये भी है कि इन यात्रियों में अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो बडी़ दिक्कत खड़ी हो सकती है।
इसमें कहीं से दो मत नहीं हर व्यक्ति यह चाहता है कि ऐसे समय में वो अपने परिवार के साथ रहे। किन्तु पलायन में यदि बिना जाँच के लोगों को एक जगह से दुसरे जगह ले जाया जाता है तो कोरोना का चेन तोड़ना मुश्किल हो सकता है।