मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न क्वारंटाइन केन्द्रों का किया अवलोकन एवं निरीक्षण। केन्द्र में रह रहे प्रवासियों से रूबरू हुये मुख्यमंत्री। क्वारंटाइन केन्द्रों पर दी जा रही सुविधाओं की ली जानकारी। डिजिटल माध्यम से पूरे क्वारंटाइन केन्द्र का किया मुआयना।
क्वारंटाइन केन्द्रों में शौचालय, पेयजल, रसोई घर, लोगों के रहने की व्यवस्था एवं केन्द्रों की साफ-सफाई का मुख्यमंत्री ने बारीकी से किया अवलोकन।
क्वारंटाइन केन्द्रों में रह रहे लोगों से मुख्यमंत्री ने की अपील- सभी को क्वारंटाइन में रहना जरूरी। यही सभी लोगों के हित में है। सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का करें पालन। कोरोना से बचाव का यही है प्रभावी उपाय।
मुख्यमंत्री का निर्देश-
- सभी को बिहार में ही दिया जायेगा काम। इच्छुक लोगों के बनायें जाॅब कार्ड। सभी को उनके स्किल के अनुरूप उपलब्ध करायें रोजगार। श्रमिकों के स्किल के अनुरूप नये उद्योगों कोदें बढ़ावा। पेवर ब्लाॅक उद्योग की बिहार में हैं असीम संभावनायें।
- जल-जीवन-हरियाली, हर घर पक्की गली-नाली एवं अन्य योजनांतर्गत किये जा रहे कार्यों में पेवर ब्लाॅक का करे इस्तेमाल। जीविका से भी जोड़ कर महिलाओं को दिलायें रोजगार।
- मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से कहा कि बिहार में ही रहिये। अपने श्रमबल एवं स्किल का यहीं उपयोग कीजिये। आप सभी लोग बिहार के विकास में भागीदार बनें।
- क्वारंटाइन केन्द्रों में रह रहे प्रवासियों ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गयी व्यवस्थाओं को सराहा। सभी ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है और वे लोग अब बिहार में ही रह कर काम करना चाहते हैं।
पटना 22 मई 2020 :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न क्वारंटाइन केंद्रों पर उपलब्ध करायी जा रही व्यवस्थाओं का डिजिटल निरीक्षण एवं अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने 10 जिलों के 20 क्वारंटाइन केंद्रों पर दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। क्वारंटाइन केंद्रों में शौचालय, पेयजल, रसोईघर, लोगों के रहने की व्यवस्था एवं केंद्रों की साफ सफाई का मुख्यमंत्री ने बारीकी से अवलोकन किया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, षिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, रोहतास, गया, पूर्णिया तथा बेगूसराय के जिलाधिकारियों ने क्वारंटाइन केंद्रों से अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी कि सेंटर पर कितने कमरे हैं, कितने लोग वहां रह रहे हैं। शौचालय की संख्या, परिसर की समुचित साफ सफाई, रसोईघर की स्थिति, सी0सी0 टीवी तथा वहां कार्य करने वाले लोगों की संख्या, स्नानागार, पेयजल की व्यवस्था आदि के संबंध में जानकारी के साथ-साथ मुख्यमंत्री को इन सभी व्यवस्थाओं को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिखाया गया।
मुख्यमंत्री ने क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद किया तथा उनका हाल चाल जाना एवं क्वारंटाइन केन्द्रों पर उपलब्ध सुविधाओं के बारे मंें उनकी राय जानी। क्वारंटाइन केन्द्रों में रह रहे प्रवासियों ने मुख्यमंत्री के निर्देष पर की गयी व्यवस्थाओं को सराहा। सभी ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। मुख्यमंत्री ने बेगूसराय के मध्य विद्यालय, मोहनपुर स्थित क्वारंटाइन केंद्र पर रांची से आयी प्रवासी महिला से बातचीत के दौरान पूछा कि वो कब आयीं, वहां क्या करती थीं, यहां कितने दिनों से हैं। इस सेंटर पर की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी उनसे जानकारी ली।
प्रवासी महिला ने बताया कि केंद्र पर तीन समय भोजन मिलता है। उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। मच्छरदानी, बिछावन के अलावा बरतन, साबुन, कपड़े एवं अन्य जरुरी सामान भी दिए गए हैं।
पश्चिम चंपारण के बाल सुधार गृह बेतिया के केंद्र पर गुरुग्राम (गुड़गांव) से आए श्री रामबली ने बताया कि वे पेवर ब्लॉक के बेहतर कारीगर हैं और वे इस सेंटर पर पेवर ब्लॉक बना रहे हैं। अब तक इस सेंटर पर 7 हजार पेवर ब्लॉक बनाए जा चुके हैं। इस सेंटर पर अन्य प्रवासिंयों के द्वारा मास्क भी बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के स्किल के अनुरूप नये उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पेवर ब्लाॅक उद्योग की बिहार में असीम संभावनायें हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जल-जीवन-हरियाली, घर तक पक्की गली-नालियां एवं अन्य योजनांतर्गत किये जा रहे कार्यों में पेवर ब्लाॅक का इस्तेमाल करें।
पूर्वी चंपारण के राम अयोध्या सिंह कॉलेज, पकड़ीदयाल के सेंटर पर गुड़गांव से आयी महिला से संवाद कर मुख्यमंत्री ने उन्हें मिल रही सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। प्रवासी महिला ने बताया कि वो गुड़गांव से आयी हैं। वहां पर वे सिलाई का काम करती थीं। क्वारंटाइन केन्द्र पर उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।
गया के एस0एन0 सिन्हा कॉलेज टेकारी के केंद्र पर मुख्यमंत्री ने सूरत से आयी महिला से संवाद करते हुए पूछा कि वो इस सेंटर पर कब आयीं और सूरत में क्या करती थी और केंद्र पर उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं। महिला ने जवाब देते हुए कहा कि यहां उन्हें सारी सुविधाएं मिल रही है। किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। वे सूरत में सिलाई का काम करती थीं। मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि जीविका से भी जोड़ कर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाय।
मधुबनी जिले के पोल स्टार स्कूल रहिका ब्लॉक में हैदराबाद से आए एक प्रवासी श्रमिक ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे हैदराबाद के होटल में कुक का काम करते थे और उन्हें कई तरह के कॉन्टीनेंटल फूड बनाने का अनुभव है। इस सेंटर पर उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने भी बिहार में ही रह कर कार्य करने की इच्छा जताई।
दरभंगा के डी0पी0एस0 स्थित क्वारंटाइन सेंटर पर मुंबई से आए एक श्रमिक ने बताया कि वे वहां ड्राइवर का काम करते थे। यहां आने पर उनका मेडिकल जांच कराया गया और सेंटर पर क्वारंटाईन रहने के दौरान खाने-पीने के साथ-साथ अन्य सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान क्वारंटाइन केन्द्रों पर रह रहे लोगों से अपील की कि सभी को क्वारंटाइन में रहना जरुरी है। यही सभी लोगों के हित में है, सभी लोग सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करें। कोरोना से बचाव का यही प्रभावी उपाय है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बाहर से आए सभी लोगों को बिहार में ही काम दिया जाए। इच्छुक लोगों को जॉब कॉर्ड बनाया जाए। सभी को उनके स्किल के अनुरुप रोजगार उपलब्ध कराएं। श्रमिकों के स्किल के अनुरुप नए उद्योगों को बढ़ावा दें। जीविका से भी जोड़कर महिलाओं को रोजगार दें।
मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से कहा कि बिहार में ही रहिए। अपने श्रमबल एवं स्किल का यहीं उपयोग कीजिए। आप सभी लोग बिहार के विकास में भागीदार बनें।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री उदय सिंह कुमावत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे। जबकि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 10 जिलों के जिलाधिकारी एवं विभिन्न क्वारंटाइन केंद्रों से वहां रह रहे प्रवासी जुड़े थे।