पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व विधायक तेज प्रताप यादव ने कहा है कि बजट सत्र के दौरान 23 मार्च 2021 को विधानसभा में विधायकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर पीटा गया था। तेज प्रताप ने नीतीश कुमार से इस मामले में जवाब देने की मांग की है। आज से मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है। इस सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में लगा है। बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर विपक्षी विधायकों की पिटाई का मामला इस सत्र में गूंजेगा। तेज प्रताप यादव ने कहा कि जितने भी जनप्रतिनिधि हैं वे जनता के मुद्दों को सदन में उठाते हैं।
सरकार जनता के मुद्दों को सुनना नहीं चाहती। यही वजह है कि सरकार विपक्षी विधायकों की आवाज दबाना चाहती है।
इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। इस पर तेजप्रताप ने कहा कि हम दो पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। विधायकों की पिटाई का वीडियो हमारे पास है। विधानसभा में भी कैमरे लगे हैं। इन कैमरों के वीडियो देखकर पता लगाया जा सकता है कि विधायकों की पिटाई में कितने पुलिसकर्मी शामिल थे।
वहीं जाति आधारित जनगणना को लेकर नीतीश कुमार द्वारा दिए गए बयान पर तेज प्रताप ने कहा एनडीए के अंदर क्या हो रहा है यह उन लोगों का मामला है लेकिन गरीबों के उत्थान के लिए पहले भी हम लोग जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाते रहे हैं। सरकार में बैठे लोग इस मुद्दे को दबाना चाहते हैं। नीतीश कुमार लोगों को दिग्भ्रमित करने के लिए मीडिया में आकर बयान देते हैं। अंदर ही अंदर बीजेपी और जदयू के नेता मिले हुए हैं। सरकार के इशारे पर विधायकों को पीटा गया था। सदन में जनता की आवाज उठाने पर विधायकों को लात घूसों से मारा गया। सीएम नीतीश कुमार को इस पर जवाब देना चाहिए। सदन चलेगा तब मैं यह उजागर करूंगा कि नेताओं को पीटने में कौन कौन पुलिसकर्मी शामिल थे।
रिपोर्ट – श्वेता