लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि बिहार विधान सभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने के लिए उनके पिता और दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने प्रेरित किया था. उन्होंने कहा कि यह उनके पिता का सपना है. चिराग ने बताया कि अस्पताल जाने से पहले यानी दो-तीन महीने पहले ही यह तय हो चुका था कि लोजपा बिहार में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि इसके पीछे पार्टी का जनाधार बढ़ाना, पार्टी का प्रसार करना तो मकसद है ही. इससे ज्यादा जरूरी है नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करना. लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता भी यही चाहते थे कि नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल किया जाय.
चिराग ने कहा, ‘उन्होंने मुझे अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने मुझसे कहा कि 2005 में मैंने यह फैसला लिया. तुम युवा हो तुम यह निर्णय क्यों नहीं ले रहे हो. तुम्हें अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. इससे पार्टी मजबूत होगी.’ उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि अगर फिर से पांच साल के लिए नीतीश सीएम बनते हैं तो यह राज्य के लिए एक बहुत बड़ी आपदा होगी.
बिहार में 28 अक्तूबर को प्रथम चरण के लिए मतदान होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियों ने लोगों को लुभाना शुरू कर दिया है. भाजपा और जनता दल यूनाइडेट जहां मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं राजद के नेतृत्व में महागठबंधन ने भी ताल ठोक दी है. इसके अलावा केंद्र में भाजपा के घटल दल लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह लोजपा के नहीं जदयू के साथ है.
चिराग ने कहा कि इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को भी थी क्योंकि पिछले दो-तीन महीनों में उनसे रामविलास पासवान जी की मुलाकात हुई थी और इन मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई थी. बता दें कि कई भाजपा नेता यह कह चुके हैं कि यह चिराग पासवान का फैसला है और अगर रामविलास पासवान फैसला लेने की स्थिति में होते तो लोजपा जेडीयू के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रही होती.