पटना। गंगा सिर्फ एक नदी नहीं है बल्कि हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत पटना के यूथ हॉस्टल में आयोजित कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र संगठन के बच्चों को लोक गायन का प्रशिक्षण देते हुए बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि लोकमानस में गंगा की पूजा मां के रूप में की जाती है। हम मानते रहे हैं कि जैसे घर में मां हमारी देखरेख करती हैं वैसे ही गंगा मैया करोड़ों लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए धरती पर अवतरित हुईं। नमामि गंगे कार्यक्रम में लोक गायिका नीतू नवगीत ने गंगा मईया एवं स्वच्छता पर आधारित लोकगीत कैसे लिखे जाएं, लोगों को अपने गीतों के माध्यम से कैसे जोड़ा जाए और किस तरह स्वच्छता को लेकर जागृति फैलायी जाए। इन सभी चीजों की सैद्धांतिक व लिखित जानकारी के साथ साथ मां गंगा से जुड़े कई सारे लोकगीत जैसे चलेली गंगोत्री से गंगा मैया जग के करे उद्धार, भितरा से घहरेलू गंगा मैया ऊपरा बहे हो धार, शिव के जटा से अईलू परल जटाशंकरी नईया, हे गंगा मैया हे गंगा मैया। पटना नगर स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की ब्रांड एंबेसडर नीतू नवगीत ने स्वच्छता पर आधारित कई सारे गीत बच्चों को सिखाये।
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