- अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कमी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- पूरी सजगता, सतर्कता और ईमानदारी के साथ ससमय अनुसंधान कार्य होना चाहिए। निर्दोष को फंसाया नहीं जाए और दोषी बचना नहीं चाहिए।
- सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपराध नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में लोगों को सही जानकारी दें।
- पुलिस बलों की लगातार ट्रेनिंग कराते रहें। श्वान दस्ता का सुदृढ़ीकरण करें, उनकी लॉ एंड ऑर्डर में प्रभावी भूमिका है।
- प्रभावी पेट्रोलिंग निरंतर जारी रखें ताकि अपराध नियंत्रित रह सके और एक्सिडेंट में भी कमी हो।
- महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।
पटना(बिहार पत्रिका डेस्क): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय में विधि व्यवस्था से संबंधित समीक्षात्मक बैठक की. बैठक के दौरान अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध अनुसंधान विभाग विनय कुमार ने अपराध अनुसंधान विभाग से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में अपराध अनुसंधान विभाग के ऑर्गेनाइजेशन, स्ट्रक्चर, उच्चतर प्रशिक्षण संस्थान (ए0टी0एस0), पुलिस पुस्तकालय, पुलिस संग्रहालय, श्वान दस्ता, विधि विज्ञान प्रयोगशाला से संबंधित जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 के तहत लंबित कांडों की समीक्षा के संबंध में भी एक प्रस्तुतीकरण दिया.
पुलिस महानिदेशक, बी0एम0पी0 आर0एस0 भट्टी ने बिहार सैन्य पुलिस से संबंधित एक प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में बिहार सैन्य पुलिस की भूमिका, बल प्रबंधन, महिला बल सशक्तिकरण, खेलकूद प्रभाग तथा आधारभूत संरचना से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सी0आई0डी0 की अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने निर्देश दिया कि अपराध अनुसंधान कार्य तेजी से हो और उसकी मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय स्तर से भी की जाए। सोशल मीडिया के माध्यम से चलायी जा रही नकारात्मक खबरों के खिलाफ पुलिस विभाग अपने स्तर से सोशल मीडिया के माध्यम से अपराध नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में लोगों को सही जानकारी दें.
सी0आई0डी0 विभाग में एक कम्युनिकेशन विंग बनायें जो सारी बातों की जानकारी लोगों दे ताकि लोग भ्रमित न हो सकें। इससे वातावरण में सकारात्मक बदलाव आएगा। डी0एम0-एस0पी0 की विधि व्यवस्था से संबंधित मीटिंग रेग्युलर हो। अपराधियों का चार्जशीट ससमय हो और उसका अनुसंधान कार्य ससमय कराएं और दोषियों को सजा दिलवाएं, निर्दोष को फंसाया नहीं जाए। पुलिस बलों की लगातार ट्रेनिंग कराते रहें। श्वान दस्ता का सुदृढ़ीकरण करें, उनकी लॉ एंड ऑर्डर में प्रभावी भूमिका है। प्रभावी पेट्रोलिंग निरंतर जारी रखें ताकि अपराध नियंत्रित रह सके और एक्सिडेंट में भी कमी हो। उन्होंने कहा कि लोगों को रोड सेफ्टी के बारे में जागरुक करें। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। पुलिस से संबद्ध सभी कार्यालयों में महिलाओं की पर्याप्त संख्या मौजूद रखें और उनके लिए वहां अलग से सुविधाओं का ध्यान रखें। कोई भी महिलाएं किसी विभाग में काम के लिए जाएंगी तो उन्हें सहुलियत होगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा.
बैठक के पश्चात् पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विधि व्यवस्था से संबंधित समीक्षा बैठक पहले भी की है। आज मेरे मन में बात आयी कि विधि व्यवस्था से संबंधित और जानकारी लें। गृह विभाग के अंतर्गत पुलिस के जिम्मे जो कई प्रकार के कार्य हैं उन सबका प्रेजेंटेशन दिखाया जाता है। आज की बैठक में क्राइम, कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर के बारे में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। पिछली बार की बैठक में हमने कहा था कि हम यहां आते रहेंगे, पिछले सप्ताह भी यहां आए थे। आज की बैठक में हमने सी0आई0डी0 और बी0एम0पी0 से संबंधित कार्यों एवं समस्याओं से जुड़ी बातों की जानकारी ली.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सी0आई0डी0 के अंतर्गत अनेक प्रकार की जिम्मेवारी है। किस थाना क्षेत्र में किस प्रकार का क्राइम हुआ है, उसका पूरा आंकड़ा अपराध अनुसंधान विभाग के पास होता है। सी0आई0डी0 को जिन-जिन चीजों की जरुरत है उसे पूरा किया जा रहा है। ताकि अनुसंधान कार्य में किसी प्रकार की बाधा न हो। विभाग में अधिकारियों, पुलिस पर्सन एवं अन्य जो भी संसाधन की जरुरत है उसकी पूर्ति की जाएगी। जो मामले सी0आई0डी0 को इन्वेस्टिगेशन के लिए दिए जाते हैं, वो समय पर पूरा हो। हमने एक-एक चीज के लिए अपने सुझाव दिए हैं। यदि कहीं भी अपराध हो रहा है, उन सबकी जानकारी रखना और उसको नियंत्रित करने के लिए क्या काम किया गया है उस पर भी सी0आई0डी0 को नजर रखना है। जिला में पुलिस मुख्यालय के पास ही पुलिस के अन्य विंगों के लिए भी जगह निर्धारित कर दी गई है ताकि पुलिस से संबंधित सारे कार्य वहां हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की जो जिम्मेवारी है उसका निर्वहन वो प्रभावी ढंग से करें। सभी थानों में अपराध नियंत्रण के लिए दो विंग बनाए गए हैं एक विंग लॉ एंड ऑर्डर को तथा दूसरा विंग इन्वेस्टिगेशन को देखता है। अनुसंधान कार्य की निगरानी एस0पी0 और डी0आई0जी0 के स्तर पर तो किया ही जाता है, साथ ही सी0आई0डी0 भी इस पर विशेष नजर रखेगी। कोर्ट में चार्जशीट दायर करने के बाद भी एक-एक चीज की निगरानी करना होगा, ताकि दोषी को ससमय सजा मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बी0एम0पी0 पुराने जमाने से बना हुआ है उसे किसी प्रकार की दिक्कत न हो उस पर भी ध्यान दिया जा रहा है, उनकी जरुरतों को पूरा किया जाएगा। अपराध नियंत्रण के लिए नीचे से ऊपर तक के पदाधिकारी के द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी हम लेते रहते हैं। किस प्रकार अपराध हुआ, उसकी इन्क्वायरी पूरे तरह पर हो रही है या नहीं, कोई पर्टिकुलर एरिया में क्राइम क्यों हो रहा है, उसका कारण क्या है। पुलिस को इन सब चीजों पर निगरानी रखना जरुरी है और इसके लिए उनको काम करते रहना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने जीवन में ऐसे ही संतुष्ट नहीं होते हैं, बल्कि उसके लिए हम रोज काम करते हैं। अगर संतोष हो जाए तो फिर काम क्यों करेंगे। शुरु से ही हम प्रतिदिन लगातार काम कर रहे हैं। वर्ष 2015 के बाद जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम को बंद कर दिया गया था क्योंकि लोक शिकायत निवारण कानून लाया गया था लेकिन इधर महसूस हुआ कि लोगों को कष्ट हुआ है। 7 लाख से ज्यादा लोगों ने लोक शिकायत निवारण कानून का फायदा उठाया है। कोरोना फेज के बाद जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम फिर शुरु करेंगे। हम चैन से नहीं बैठने वाले हैं, दफ्तरों में आकर अब कार्यों का मुआयना करेंगे ताकि कोई दफ्तर में इत्मिनान से बैठा न रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल भवन कितना सुंदर बना है और यहां पुलिस मुख्यालय बनाया गया है। लोग अपनी जिम्मेवारी पूरे तौर पर निभाएं। हमने कह दिया है कि एक-एक खबर पर ध्यान दीजिए, सोशल मीडिया पर भी जो खबर आती है उस पर ध्यान दीजिए। क्या जांच हुई, कहां तक अनुसंधान पहुंचा इसकी जानकारी देते रहिए। हमें पुलिस बल पर पूरा भरोसा है। पुलिस बलों को वाहन, हथियार, इनकी ट्रेनिंग से संबंधित सभी जरुरतें पूरी की जा रही है। राजगीर में पुलिस का बेहतर ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है। पुलिस बल की ट्रेनिंग आवश्यक रुप से हो। प्रतिदिन प्रकाशित होने वाली खबरों से मुझे सूचना मिलती रही है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कमी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूरी ईमानदारी और ससमय जांच होनी चाहिए। निर्दोष को फंसाया नहीं जाए और दोषी बचना नहीं चाहिए। पूरी सजगता और सतर्कता के साथ इन्क्वायरी का काम किया जाए.
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव, गृह आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, पुलिस महानिदेशक, बी0एम0पी0 आर0एस0 भट्टी, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।