देशभर में छठ महापर्व मनाया जा रहा है। चार दिन के इस पर्व का मुख्य दिन 20 नवंबर को है। इस दिन कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ माई से संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। छठ पूजा के व्रतधारी आज (शुक्रवार को) अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। लोगों ने इसे लेकर पूरी तैयारियां कर ली हैं। कोरोना काल में घाट और सार्वजनिक स्थल पर छठ पूजा की अनुमति न होने की वजह से लोगों ने अपने घर की छतों पर ही अर्घ्य देने की तैयारी की है। आज शाम को छठ पूजा होगी।
पूजा के लिए लोगों ने प्लास्टिक के टब खरीदे हैं। व्रतधारी टब में भरे पानी में खड़े होकर अर्घ्य दे सकेंगे। कुछ घरों में प्लास्टिक के टब की जगह रबर वाले बड़े टब और ईंट से चारदीवारी बनाकर उस पर प्लास्टिक की पन्नी लगाकर पानी से भर दिया गया है। घाट की तर्ज पर छठ पूजा के लिए घरों में वेदी भी बनाई गई है।
धार्मिक दृष्टि से देखें तो छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना और छठी मैया की आराधना की जाती है। सनातन संस्कृति में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों में सूर्य देव को सृष्टि की आत्मा कहा गया है। इसके प्रकाश से मनुष्यों, जीवों एवं पेड़-पौधों का जीवन अस्तित्व में है। सूर्य केवल ऊर्जा का ही स्रोत नहीं है बल्कि इसके प्रकाश में ऐसे तत्व हैं जिनसे मनुष्य और जीवों को रोग-दोष से छुटकारा मिलता है और पेड-पौधों को भोजन प्राप्त होता है। वहीं संतान की कामना और उसके सुखी जीवन के लिए छठी माई की पूजा की जाती है।
चार दिवसीय छठ पूजन के दूसरे दिन घरों में खरना हुआ, जिसमें गुड़ की खीर बनाई गई। साथ ही पूजा-अर्चना की गई। शुक्रवार सुबह छठ पूजा के लिए ठेकुआ का प्रसाद बनाया जाएगा। फिर शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य और अगले दिन प्रातकाल में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद पूजा का समापन होगा। छठ पूजा से जुड़ी सामग्री को लेकर पहला अर्घ्य देने से पहले बाजारों में जमकर खरीदारी हुई। अलग-अलग इलाकों में पूजन सामग्री की खरीद के लिए महिलाओं की भीड़ जुटी हुई थी।
छठ पूजा से जुड़ी सामग्री
बांस की 3 बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने 3 सूप, थाली, दूध और ग्लास, चावल, लाल सिंदूर, दीपक, नारियल, हल्दी, गन्ना, सुथनी, सब्जी और शकरकंदी, नाशपाती, बड़ा नींबू, शहद, पान, साबूत सुपारी, कैराव, कपूर, चंदन और मिठाई, प्रसाद के रूप में ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पुड़ी, सूजी का हलवा, चावल के बने लड्डू आदि।
छठ पूजा का समय :
20 नवंबर 2020, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
सूर्यास्त टाइम – 5:26 pm (दिल्ली में)
सूर्यास्त टाइम – 4:59 pm (पटना में)
21 नवंबर 2020, उगते सूर्य को अर्घ्य
सूर्योदय टाइम- 6:49 am (दिल्ली में)
सूर्योदय टाइम- 6:11 am (पटना में)
इस दिन संध्या अर्घ्य मुहूर्त सबसे प्रमुख होता है। संध्या अर्घ्य मुहूर्त में सूर्यास्त के समय सूर्य देव को जल चढ़ाया जाता है। वहीं अगले दिन सप्तमी को ऊषा अर्घ्य मुहूर्त महत्वपूर्ण है। इसमें उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाने का विधान है। सबसे पहले छठ पूजा में उपयोग होने वाली सभी सामग्रियों को एक बांस की टोकरी में रखें। वहीं सूर्य को अर्घ्य देते समय सभी प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं। फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस प्रकार आपकी पूजा सही विधि से संपन्न हो जाएगी।