अबतक आधा दर्जन थाना प्रभारियों को अपराधियों ने छपरा मे बनाया है निशाना

छपरा :-  जिले के मरहौरा में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सब इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार साह व सिपाही फारूख से पहले भी छपरा जिले में अपराधी पुलिस पर भारी पड़ते रहे है। आज शहीद हुए सब इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार साह जिले के मशरख और तरैया थाना के प्रभारी रह चुके थे।

छपरा जिले में अबतक आधा दर्जन थानाध्यक्षो को अपराधियों ने अपना निशाना बनाया

जिले के अपराधियों पर उनका विशेष खौफ था चार वर्ष पूर्व इसुआपुर थानाध्यक्ष संजय तिवारी की हत्या अपराधियों धोखे से कर देते संजय शाम कोरिया ढाला के पास गस्ती मे थे।। छपरा जिले में अबतक आधा दर्जन थानाध्यक्षो को अपराधियों ने अपना निशाना बनाया है। इनमें से जहां चार थाना प्रभारी की हत्या हो चुकी है।

वहीं एक थाना प्रभारी बाल-बाल बचे जबकि एक थाना प्रभारी की बदमाशों ने पिस्टल लूट ली थी। सबसे पहले अपराधियों ने 1998 में मकेर के तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल कुमार की हत्या की थी। तबसे लगातार यह सिलसिला चल रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 1998 में मकेर के तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिल कुमार को रेवा घाट में अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या मामले में संजय राय का नाम सामने आया था। इसी संजय राय की पुलिस इन काउंटर में छपरा जेल में मौत हुई थी। इसके बाद वर्ष 2000 में गड़खा के तत्कालीन थानाध्यक्ष रामसुंदर प्रसाद की हत्या बदमाशों ने छपरा शहर के नेवाजी टोली में गोली मारकर कर दी थी।

इस दौरान अपराधियों ने उनकी सर्विस रिवाल्वर भी लूट ली थी। इसी दौरान मशरक के तत्कालीन थानाध्यक्ष गोपालजी मिश्र की भी हत्या डकैतों ने गोली मारकर कर दी थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गोपालजी मिश्र को डकैती की सूचना मिली थी। इस सूचना पर वे गांव पहुंच गये थे। वहीं पर डकैतो ने उन्हें गोली मार दी। इसके बाद भेल्दी के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार अपराधियों के निशाने पर आये।

अपराधी वाहन लूट की घटना को दे रहे थे अंजाम 

सरायवक्श पेट्रोल पंप के समीप बदमाश लूटपाट कर रहे थे। उसी दौरान छपरा से ये लौट रहे थे। इन्हें देखते ही बदमाशों ने गोली मार दी।  आनन-फानन में इन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया जहां इनकी जान बच गयी। गड़खा के तत्कालीन थानाध्यक्ष ओम प्रकाश को भी अपराधियों ने नहीं बख्सा।

बताया जाता है कि अवतारनगर थाना क्षेत्र के रामगढ़ा गांव के समीप अपराधी वाहन लूट की घटना को अंजाम दे रहे थे, उसी दौरान तत्कालीन थानाध्यक्ष वहां पहुंच गये। अपराधियों ने थानाध्यक्ष को भी नहीं छोड़ा और उनकी सर्विस रिवाल्वर भी छीन ली। इस घटना के बाद अपराधियों ने इसुआपुर थानाध्यक्ष को अपना निशाना बनाया और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।

 

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