भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश के हर कोने में साल भर किसी न किसी फसल की खेती होती रहती है, लेकिन अधिकतर किसान दशकों पुराने तरीकों से ही खेती करते हैं। जबकि अन्य क्षेत्रों की बात करें, तो वहां अनुसंधान, नवाचार और नई तकनीक ने कई वर्ष पहले जगह ले ली है। लेकिन बीते कुछ साल में केंद्र सरकार के अथक प्रयास से कृषि क्षेत्र क्रांति के दौर से गुजर रहा है। कृषि क्षेत्र में व्यापक निवेश, आधुनिक तकनीक, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बेहद तेज गति से काम किए जा रहे हैं। उन्हीं कामों में से एक काम है, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान पर विशेष ध्यान देना।
केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान
देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रों में बड़ा प्रतिशत शुष्क क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐसे में यह एक बहुत बड़ा भौगोलिक एरिया है, जिसका सही ढंग से उपयोग करना ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि को मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में 1959 में ही राजस्थान के जोधपुर में, शुष्क भूमि में कैसे कृषि की जा सकती है, किस तरह के फसल लगाए जा सकते हैं, ऐसे क्षेत्रों में किस तरह की बाधाएं आती है, क्या-क्या पर्यावरणीय चुनौतियां होती हैं, जैसे अन्य सभी मुद्दों पर अनुसंधान और परीक्षण के लिए केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (CAZRI) की स्थापना की गई।
अनुसंधान केंद्र ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
इस संस्थान की स्थापना के साथ ही शुष्क और मरुस्थलीय भूमि में खेती करने की आशा जगी, इस संस्थान के द्वारा किसानों के लिए खेती में नए-नए नवाचार एवं शोध का कार्य निरंतर किया जा रहा है, इससे रेगिस्तानी क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे विश्व को शुष्क क्षेत्रों में कृषि करने के तरीकों के बारे में जानकारी हासिल हुई है। संस्थान के विश्वसनीय अनुसंधान कार्यों की वजह डयून्स स्टेबलाइजेशन, स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई के साथ-साथ फसल, फल और विभिन्न घास भी शुष्क क्षेत्रों में उगाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ बंजर भूमि का सदुपयोग हो पा रहा है बल्कि कृषि होने की वजह से किसानों की आमदनी भी हो रही है।
CAZRI में चार नई सुविधाओं का उद्घाटन
राजस्थान के जोधपुर स्थित इस बेहद महत्वपूर्ण अनुसंधान केंद्र में अब और व्यापक ढंग से काम हो पाएगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संस्थान में एक साथ चार नई सुविधाओं का उद्घाटन किया है। नई सुविधाओं में नए सभागार, कृषि व्यवसाय अभी पोषण केंद्र, पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र तथा इनडोर खेल हॉल शामिल हैं। कृषि अनुसंधान परिषद का ये महत्वपूर्ण संस्थान इन नई सुविधाओं के मिलने से और भी व्यापक और तेज गति से किसानों की भलाई के लिए काम कर पाएगा ताकि शुष्क और रेगिस्तानी भूमि से किसानों को फायदा हो सके।
कृषि क्षेत्र की बदली रूपरेखा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने इस विशेष कार्यक्रम में बताया कि बीते 8 साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार के द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि देश के 86% छोटे किसान फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के साथ जुड़ गए हैं, इससे किसानों को तकनीक, मार्केटिंग, प्रोसेसिंग, सिंचाई आदि जैसी सुविधाएं आसानी से मिल रही है। इससे किसानों की आय बढ़ रही है। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की बात करें, तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट योजना, फसल बीमा योजना के अलावा आधुनिक कृषि उपकरण और ड्रोन के लिए भी सरकार किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया करवा रही है। केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर आगे कहा की देश को हर कृषि उत्पाद के मामले में नंबर वन बनाना है।
जाहिर है केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान ने शुष्क क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने के लिए अभूतपूर्व काम किए हैं, आने वाले दिनों में भी इस संस्थान से देश को कई उम्मीदें हैं।