लोजपा में टूट- कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

बिहार (BIHAR) में सियासी पारा फिर गर्म है है. लोजपा (Lok Janshakti Party) की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर होते दिख रहा है. एलजेपी एक बड़ी टूट की तरफ बढ़ रही है. मीडिया सूत्रों की माने तो खबर यह है कि LJP के पांचों लोकसभा सांसद पार्टी छोड़ जदयू में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, रविवार को नाराज 5 सांसदों की बैठक हुई। इस बैठक में चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को नेता चुना गया है। कहा जा रहा है कि सभी पांचों सांसद चिराग पासवान की कार्यशैली से नाराज हैं।

गौरतलब है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के निधन के अभी एक साल भी नहीं बीते कि उनका दल और परिवार टूटने की कगार पर आ गया है. दरअसल, दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद से उनके बेटे चिराग पासवान के हाथ में पार्टी की कमान है. ये पांच सांसद चिराग पासवान के कामकाज करने के तरीके से नाराज बताए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान के कई फैसले से ये सभी सांसद नाराज चल रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये सभी पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के पत्र लिखकर खुद को अलग दल के रूप में मान्यता देने की मांग की है. ये पांचों सांसद हैं राम विलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस पासवान, चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब केसर अली. ख़बरों के मुताबिक इन पांचों सांसदों ने पशुपति पारस को अपना नेता भी चुन लिया है.

सूत्रों के मुताबिक ये सभी सांसद पिछले कई दिनो से जेडीयू (JDU) नेताओं के संपर्क में हैं. इसके बाद यह फैसला लिया गया है. आपको बताते चले कि पिछले विधानसभा चुनाव में में लोजपा के टिकट पर जीते एक मात्र विधायक ने भी जदयू का दामन थाम लिया था.

अगर लोजपा के ये सांसद जदयू का दामन थामते हैं तो यह चिराग के लिए एक बड़ा झटका होगा. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में चिराग ने जिस तरह से जदयू को नुकसान पहुंचाया था उसको देखते हुए यह बदले के रूप में भी देखा जा रहा है.

विगत बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के चिराग पासवान के कारण नीतीश कुमार की सीटें काफी कम आयीं. जिस वजह से उनकी ताकत घटी है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि लोजपा की टूट में नीतीश कुमार की खासी दिलचस्पी होगी.

पार्टी नेताओं की मे तो चिराग ने अब तक जितने फैसले लिए हैं उसमें कहीं भी सकारात्मक सफलता नहीं मिली है. पार्टी के अंदर चिराग की कार्यशैली को लेकर नाराजगी इतनी है कि चाचा पशुपति पारस की अगुवाई में चचेरे भाई प्रिंस पासवान समेत पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया है. ये अभी साफ नहीं हो पाया है कि यह गुट चिराग पासवान को ही पार्टी से बाहर कर देंगे या किसी दूसरे दल में शामिल होंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव के पूर्व चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने एनडीए से अलग होकर अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया था. चिराग ने बिहार चुनाव में उन सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारे जहां से जेडीयू के उम्मीदवार थे, वहीं जिन सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी थे उनपर अपनी पार्टी का कैंडिडेट ही नहीं उतारा. इसका सीधा खामियाजा जनता दल यू को उठाना पड़ा. जेडीयू (JDU) 43 सीटों पर सिमट गई. वहीं बीजेपी 74 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही.

राजनितिक सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान की ओर से किए गए चुनावी नुकसान का बदला लेने के लिए सीएम नीतीश कुमार उनकी पार्टी को ही खत्म कर दें. उन्होंने पहले एलजेपी के एक मात्र विधायक को जेडीयू में शामिल कराया, अब पार्टी के छह सांसदों में से पांच को चिराग से अलग करने के पीछे भी इन्हीं का हाथ माना जा रहा है.

लोक जनशक्ति पार्टी  में बड़ी टूट की खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, लोजपा (LJP) सांसदों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) को ही पार्टी के बेदखल करने की तैयारी कर ली है। लोजपा के पांच सांसद अलग गुट बनाने की कोशिश में जुटे हैं। कहा जा रहा है कि यह सभी पांच सांसद जेडीयू के संपर्क में हैं.

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