विशेष राज्य के मुद्दे पर भाजपा जदयू का नूरा कुश्ती

पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन सहित अन्य प्रवक्ताओं ने कहा कि जदयू और भाजपा को बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेवार बताते हुए विशेष राज्य के मुद्दे पर आपस में नूरा कुश्ती करने का आरोप लगाया है। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि जदयू और भाजपा दोनों का चरित्र हीं विकास के नाम पर राजनीति करने का रहा है। नीतीश जी ने कहा था कि जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा हम उसी के साथ जायेंगे।

भाजपा के साथ जाने वक्त जदयू और भाजपा ने कहा था कि डबल इंजन की सरकार बनेगी तो बिहार का विकास काफ ी तेजी से होगा। हकीकत यह है बिहार बँटवारे के बाद इन दोनों दलों ने हीं एक साजिश के तहत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज नहीं मिलने दिया था। जबकि बिहार पुनर्गठन कानून 2000 में हीं स्पष्ट प्रावधान है कि बिहार की क्षति पूर्ति के लिए विशेष प्रबंध किये जायेंगे। जबकि उसी क्रम में उतराखण्ड और छत्तीसगढ के गठन सम्बन्धी कानूनों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

इसके बावजूद उन्हें विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इस माँग का सही वक्त 2000 था जब झारखंड बिहार से अलग हुआ और उतराखण्ड को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। उस समय केन्द्र मे एनडीए की सरकार थी जिसका प्रमुख घटक जदयू था और राज्य में राबड़ी देवी जी के मुख्यमंत्रित्व में राजद की सरकार थी।

झारखंड राज्य के औपचारिक गठन के पूर्व हीं 25 अप्रैल 2000 को हीं बिहार को बँटवारे से होने वाली क्षति.पूर्ति की भरपाई करने के लिए बिहार विधानसभा से सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया था। झारखंड राज्य के औपचारिक रूप से बिहार से अलग होने के बाद 28 नवम्बर 2000 को बिहार के सभी सांसदों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन देकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग की थी। 3 फ रवरी 2002 को को दीघा सोनपुर पुल के शिलान्यास के अवसर पर पटना के गांधी मैदान मे आयोजित सभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समक्ष हजारों बिहारवासियों के उपस्थिति में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग दुहराई गई। जिस पर प्रधानमंत्री वाजपेयी ने तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिती में माँग को वाजिब करार देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का आश्वासन दिया था पर दिल्ली लौटने के क्रम में हवाई अड्डा पहुँचते हीं प्रधानमंत्री जी विशेष राज्य का दर्जा के बजाय विशेष पैकेज की बात करने लगे।

केन्द्र की तत्कालीन एनडीए सरकार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा संबंधित फ ाईल को तो ठंढे बस्ते मे तो डाल ही दिया गया विशेष पैकेज भी नही दिया गया। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार और एनडीए की आज अजब हास्यास्पद स्थिति हो गई है। सरकार के मुखिया नीति आयोग के रिपोर्ट को स्वीकारते हुए विशेष राज्य का दर्जा की माँग कर रहे हैं वहीं सरकार के कई मंत्री नीति आयोग के रिपोर्ट को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं हैं। जदयू बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की माँग कर रही है तो भाजपा विरोध में खड़ी है।

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