एचआरयूएफ चेयरमैन ने बिहार डीजीपी से की बात
बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हाल के दिनों में बिहार में कानून व्यवस्था को खराब करने एवं बिहार पुलिस को बदनाम करने के लिये कुछ टुल किट गैंग और भाड़े के लोगों को इस काम पर लगाया गया है।हाल के दिनों में पुलिस, मंत्रियों, विधायक, नेताओं, आम लोगों और महिलाओं पर हमले और दुर्व्यवहार की घटना अचानक से बढ़ गई है।
इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ के चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर ने बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार से मोबाइल पर बात की।
श्री दफ्तुआर ने कहा कि ऐसी घटनायें गंभीर चिंता और जांच का विषय है।ऐसे लोगों पर बेहद कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है।
पुलिस कोई सुपरमैन या भगवान नहीं है कि अपराध करने वालों के दिल की बात को जान ले।हाँ,अगर पुलिस कारवाई न करे तो वो दोषी है।गर्दनीबाग में स्कूल में बच्ची की मौत के मामले में जांच के लिये गये थाना इंचार्ज को स्कूल में पीट देना बेहद गंभीर बात है।
श्री दफ्तुआर ने कहा कि मुझे अपनी पुलिस पर बेहद गर्व है। किसी देश की आंतरिक सुरक्षा संचालन में पुलिस रीढ़ की हड्डी है।यह सही है कि कुछ पुलिसकर्मी दोषी हो सकते हैं। कुछ चीजों में सुधार की जरूरत है। लेकिन सीमित संसाधनों और अनुपात से कम पुलिस बल होने के बावजूद बिहार पुलिस ला एंड आर्डर को मजबूत करने के लिये जद्दोजहद कर रही है।वो भी प्रशंसनीय है।
लोगों को यह भी भलीभाँति समझना होगा कि मानवाधिकार के साथ-साथ हम सभी के मानव कर्तव्य भी हैं। इसकी कोई बात नहीं करता।
उन्होंने कहा कि आज बिहार के डीजीपी को मैंने स्पष्ट कहा कि मानवाधिकार उन्हीं का हो सकता है जो मानव कि तरह व्यवहार करेंगे।अराजक तत्वों पर बिहार पुलिस कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे।ला एंड आर्डर की मजबूती के लिये किये गये बिहार पुलिस के ऐसे किसी भी कारवाई को वैश्विक स्तर की संस्था ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ का समर्थन और संरक्षण रहेगा ताकि बिहार पुलिस मनोबल ऊंचा रहे।बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने इसके लिये आभार भी प्रकट किया।
