बिहार फिजियोथेरेपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपी संघ ने किया बैठक का आयोजन

पटना : बिहार फिजियोथेरेपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपी संघ के तत्वावधान में शनिवार को एक बैठक का आयोजन युथ हाॅस्टल, फ्रेजर रोड, पटना में किया गया जिसमें राज्य के सभी जिलों में कार्य कर रहे फिजियोथेरेपिस्ट एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट सम्मिलित होकर इस संवर्ग में हो रहे उत्तरोत्तर विकास एवं बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा नियमित नियुक्ति हेतु विज्ञापित विज्ञापन की सम्पूर्ण प्रक्रिया के पश्चात लगभग तीन माह के बाद भी लंबित मेघा सूची को न्यायोचित प्रकाशित कराने हेतु बिहार तकनीकी सेवा आयोग तथा स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार का ध्यान आकृष्ट किया।

संघ के अध्यक्ष डॉ. सज्जन कुमार (ओटी) ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा इन दोनों संवर्गो की नियुक्ति लगभग 26 वर्षो के उपरांत (पूर्व में वर्ष 1995 में अंतिम नियुक्ति की गई थी) वर्ष 2020 में विज्ञापित किया गया जो बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा फिजियोथेरेपी के लिए कुल 126 पदों एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट के लिए कुल 86 पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किये हुए लगभग दो वर्ष से भी ऊपर हो चुकी हैं। उक्त नियुक्ति हेतु तकनीकी सेवा आयोग द्वारा काउंसलिंग की प्रक्रिया माह दिसम्बर 2021 तक पुर्ण कर ली गई है। मेघा सूची के प्रकाशन हेतु हमारे प्रतिनिधि मण्डल द्वारा आयोग से मिलने पर बार-बार आश्वासन मिलता रहता है कि मेघा सूची तैयार है और जल्द ही प्रकाशित कर दी जाएगी।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. मृत्युंजय कुमार (पीटी) ने कहा कि इन दोनों संवर्गो की उपयोगिता विभिन्न अस्पतालों यथा कोविड-19 सेंटरए शिषु केयर यूनिट, पुर्नवास केन्द्र, सभी अस्पताल, नर्सिंग होम, स्पाईनल केयर सेंटर, विशेष आवश्कता वाले बच्चों के विद्यालय, जेरियेट्रिक सेंटर, हृदय रोग अस्पताल, कुष्ठ रोग निदान केन्द्र, स्पोर्टस इन्ज्यूरी सेंटर तथा खेल मैदानों पर खिलाड़ियों के लिए, कैंसर अस्पताल, ट्रामा सेंटर, नशा मुक्ति केन्द्र, बर्न हाॅस्पीटल, मनोचिकित्सा संस्थान एवं अस्पताल इत्यादि जगहों पर है। आज के जीवन शैली में दोनों संवर्गों की उपयोगिता जन्म ले रहे बच्चे से लेकर वृद्धावस्था तक हर अवस्था में निहायत अनिवार्य हो चुकी है। विगत वर्षो में कोविड-19 के दौरान हमारे संवर्ग द्वारा किया हुआ कार्य समाज को स्वस्थ, सुरक्षित एवं भयमुक्त रखने में हमारी भूमिका अहम रही है।

वहीं संघ के सचिव डॉ. अमित कुमार सिंह (ओटी) व कोषाध्यक्ष डॉ. देवव्रत (पीटी) ने संयुक्त रूप से बताया कि इन दोनों संवर्गो की उपयोगिता को समाज के हर तबके तक पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना हैः .

1. बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन में वर्णित नियमावली के अनुसार न्यायोचित मेघा सूची का यथाशीघ्र प्रकाशन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त मेघा सूची के आलोक में अतिशीघ्र पदस्थापन की प्रक्रिया का सम्पादन।

2. माननीय मुख्यमंत्री बिहार द्वारा वर्ष 2016 में बिहार कॉलेज ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी एवं फिजियोथेरेपी (विकलांग भवन) में आश्वासन दिया गया था कि राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक इन दोनों संवर्गो की सेवाएं उपलब्ध कराई जायेगी। माननीय के आश्वासन के संदर्भ में इन दोनों संवर्गो के पदों का सृजन कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक नियुक्ति की प्रक्रिया की जाय। इसी कार्यक्रम के दौरान माननीय द्वारा यह भी कहा गया था कि फिजियोथेरेपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपी, एम0बी0बी0एस0ए एम0डी0 की तरह डिग्री लेते है तो उन्हें भी डॉक्टर का दर्जा मिलना चाहिए और उनके अनुरूप ही अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए।

3. नेशनल कमीशन फॉर एलाइड हेल्थ केयर प्रोफेशनल बिल 2020 के अन्तर्गत इन दोनों संवर्गो को शामिल किया गया है, जिसका राष्ट्रीय स्तर पर काउंसिल का गठन किया जा चुका है और अन्य सभी राज्यों को छः महीने के अंदर राज्य स्तर पर काउंसिल के गठन हेतु निर्देशित किया गया है जो अभी अपने राज्य बिहार में लंबित है।

4. स्वास्थ्य विभाग के अलावा राज्य के अन्य विभागों यथा समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग इत्यादि में हमारे संवर्ग के कर्मी संविदागत कार्य कर रहे हैं । उन विभागों में भी राज्य सरकार के द्वारा दोनों संवर्ग का पद सृजित है। उक्त पदों पर भी दोनों संवर्गो के नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया संपादित की जाय।

मौके पर संघ के उपाध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार सिंह, कार्यकारी सदस्य डॉ. राजेश कुमार, सह संयोजक डॉ. चंद्रशेखर कुमार, डॉ. मो. फैज़ अहमद, कार्यक्रम के संचालनकर्ता डॉ. मनोज भारती उपस्थित रहे।

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