बिहार में शराब बंदी के बाद पर्यटन में भारी गिरावट

 

demo image
demo image

वर्ष 2016 में नीतीश सरकार ने जनहित में साहसिक कदम उठाते हुए पूर्ण शराब बंदी लागू कर दी |लम्बे समय से बिहार कि महिलायें बिहार में शराब बन्दी की मांग करती रही हैं |सरकारी दावों कि माने तो बिहार में अपराध और सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी हुई है और जनता के मेहनत की कमाई का पैसा अच्छे कामो में खर्च हो रहा है ,जो काफी हद तक सही भी है |गुज़रते समय के साथ सरकार के इस बड़े फैसले के कुछ नाकारात्मक परिणाम भी स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं |प्राप्त जानकारी के अनुसार शराब बन्दी के बाद बिहार में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट हुई है|

आकड़ों के मुताबिक 2015 के जून महीने में बिहार में 6 लाख 43 हजार 692 पर्यटक आये जबकि जुलाई 2015 में ये संख्या 28 लाख 64हजार 826 तक जा पहुंची. अब अगर 2016 की बात करें तो जून में बिहार में 8 लाख 11 हजार 799 पर्यटक आये जबकि जुलाई में ये संख्या महज 15 लाख 51 हजार 863 तक ही जा सिमटी|पर्यटन प्रभावित होने से सबसे ज्यादा बुरा असर होटल कारोबारियों पर पड़ा है ,इसके अलावा फूटपाथ व्यापारी भी काफी परेशान हैं ,जिनका गुज़ारा हर दिन के बिक्री और कमाई पर निर्भर है | इन समस्याओं का समाधान सरकार के लिए बड़ी चुनौती है |

निर्भय कुमार

|

Related posts

Leave a Comment