पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) और प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत खरीदे गए दालों के स्टॉक से रियायती दर पर चना (दाल) के निपटान को मंजूरी दे दी है। यह फैसला विभिन्न कल्याण योजनाओं के उपयोग के लिए लिया गया है। इसके साथ ही केन्द्रीय कैबिनेट ने PSF के अंतर्गत तुअर, उड़द और मसूर के मौजूदा खरीद सीमा को बढ़ाकर 40% करने की मंजूरी दे दी है। इन दालों का उपयोग राज्य/संघ राज्य क्षेत्र कल्याणकारी योजनाओं में करेंगे।
1200 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दालों का कल्याणकारी योजनाओं में उपयोग हेतु प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार तूर, उड़द और मसूर के संबंध में पीएसएस के तहत खरीद की मात्रा की सीमा को मौजूदा 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने को मंजूरी दी गई है। साथ ही चना के 15 मीट्रिक टन के स्टॉक के निपटान को भी मंजूरी दी है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार ने 1200 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान लगाया है।
15 लाख मीट्रिक टन चना की सप्लाई
विज्ञप्ति के अनुसार राज्य सरकार से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर 15 लाख मीट्रिक टन चना उठा सकते है। यह चना सोर्सिंग राज्य के निर्गम मूल्य पर 08 रुपए प्रति किलोग्राम की छूट के साथ उपलब्ध होगी। राज्य इन दालों का उपयोग अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों जैसे मध्याह्न भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम में कर सकते हैं। यह एकमुश्त छूट 12 महीने की अवधि या चना के 15 लाख मीट्रिक टन स्टॉक के पूर्ण निपटान तक होगी।
कल्याणकारी योजनाओं में होगा उपयोग
केंद्र सरकार के इन निर्णयों से राज्य/संघ राज्य क्षेत्र विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे पीडीएस, मध्याह्न भोजन योजनाओं आदि में चना का उपयोग करने में सक्षम होंगे। इससे किसानों को दालों का लाभकारी मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार के इस फैसले से अधिक निवेश करके ऐसी दालों को उगाने के लिए और अधिक किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही इस फैसले से किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह हमारे देश में दालों की आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
तीन वर्षों में बढ़ा दाल का उत्पादन
देश में विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों के दौरान चना (दाल) का सर्वाधिक उत्पादन देखा गया है। भारत सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत रबी 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान चना की रिकॉर्ड खरीद की है। इससे सरकार के पास पीएसएस और पीएसएफ के तहत आने वाले रबी सीजन में भी 30.55 लाख मीट्रिक टन चना उपलब्ध है। इस वर्ष भी चना का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही 22-23 के दौरान चना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत अतिरिक्त खरीद की आवश्यकता पर केंद्र सरकार का खास ध्यान है।