काजल की बात करें तो इसकी गिनती उन कुछ चुनिंदा मेकअप समाग्री में होती है जो लगभग हर लड़की के मेकअप किट में जरूर मौजूद होते हैं। महिलाएं काजल का उपयोग अपनी आंखों की सुंदरता पर चार चाँद लगाने के लिए जाना जाता है। यह महिलाओं की ब्यूटी का एक अहम हिस्सा है, जिसे लगाने पर आंखें सुंदर और बड़ी दिखाई देने लगती हैं। यह आपके रूप को संवारने के साथ ही आंख से जुड़ी समस्याओं से भी राहत दिलाता है। वैसे तो, आजकल बाजार में कई तरह के काजल उपलब्ध हैं, लेकिन केमिकल युक्त होने के कारण ये आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए ज्यादातर विशेषज्ञ घर पर बनाए गए काजल का उपयोग करने की सलाह देते हैं।
आंखों पर काजल का प्रयोग इनकी सुंदरता को बढ़ाने का काम करता है। यह पलकों को घना काला रंग देता है जिससे आंखें और अधिक सुंदर दिखने लगती हैं। आंखों में काजल लगाने से आंखों की खूबसूरती तो बढ़ती ही है, साथ ही आंखों को ठंडक भी मिलती है। सोई हुई आखें फ्रेश हो जाती है, साथ ही यह सूरज की तेज धूप से भी आंखों को सुरक्षित रखता हैं। इसे लगाने के बाद आंखों का शेप अच्छा होता है और आंखें सुंदर दिखती हैं। कुल मिलाकर काजल आंखों से जुड़ी समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है।
क्या आप जानते हैं आयुर्वेदिक तरीके से बनाये गए काजल का प्रयोग आंखों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का कार्य भी करता है। इस पद्धति से तैयार किये जाने वाले काजल में चांदी और पीतल का प्रयोग होता है जो आपकी आंखों से जुड़ी हर तरह की समस्या के लिए लाभकारी है।
आंखों पर होममेड काजल लगाने के फायदे की बात करें तो यह विटामिन ई का अच्छा स्रोत होने के कारण आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता है। यह पलकों को गहरा काला रंग प्रदान करने के साथ उन्हें घना बनाने का काम भी करता है। इसके अलावा आंखों की थकान दूर करने का काम भी करता है।
होममेड हर्बल काजल में कॉपर मौजूद होता है जिसमे एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। यह आंखों में एलर्जी की समस्या से भी राहत दिलाते हैं। आंखों को बार-बार मसलने से रक्त वाहिकाओं में सूजन की समस्या होने लगती है, ऐसे में काजल लगाने से सूजन खत्म हो जाती है। भले ही आप काजल अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए लगाते हों, लेकिन ये आपको मोतियाबिंद और रतौंधी जैसे रोगों से बचाने में मददगार है।
माना जाता है, कि काजल बुरी नजर से बच्चों और बढ़ों को भी बचाता है। पहले के जमाने दादी, नानी बच्चों को नजर से बचाने के लिए घर का बना काजल माथे या कान के पीछे लगाती थीं। आज भी कई घरों में यह मान्यता है।