बच्चों में होने वाले कैंसर में सबसे आम ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मस्तिष्क या पेट में ट्यूमर होने वाले कैंसर हैं। इन सभी के कुछ ना कुछ लक्षण (cancer symptoms in kids) होते हैं। इन लक्षणों को पहचानकर यदि सही समय पर जांच कराया जाए, तो कैंसर के इलाज में आसानी होती है।
आज की जिस तरह की लाइफस्टाइल है, उससे कैंसर (Cancer) जैसी जानलेवा बीमारी के होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। अब बच्चे भी इस रोग की चपेट (Cancer in kids) में आ रहे हैं। बच्चों में कैंसर प्राय: दुर्लभ है, लेकिन इलाज के योग्य भी है। जरूरी है कि समय पर इसका पता लग जाए। इसके लिए बेहद सतर्कता जरूरी है। बच्चों में होने वाले कैंसर में सबसे आम ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मस्तिष्क या पेट में ट्यूमर होने वाले कैंसर हैं। इन सभी के कुछ ना कुछ लक्षण (cancer symptoms in kids) होते हैं। इन लक्षणों को पहचानकर यदि सही समय पर जांच कराया जाए, तो कैंसर के इलाज में आसानी होती है। नीचे दिए गए इन लक्षणों पर गौर करें और बच्चे में ऐसे कोई भी लक्षण नजर आएं, तो जरूर डॉक्टर से संपर्क करें…
बच्चों में कैंसर के लक्षण (Cancer Symptoms In Kids)
इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर बच्चे में कैंसर की आशंका होती है :
1. पीलापन और रक्तस्राव (जैसे चकत्ते, बेवजह चोट के निशान या मुंह या नाक से खून)।
2. हड्डियों में दर्द-
– किसी खास हिस्से में दर्द नहीं होता और दर्द के कारण बच्चा अक्सर रात को जाग जाता है।
-बच्चा जो अचानक लंगड़ाने लगे या वजन उठाने में परेशानी हो या अचानक चलना छोड़ दे।
– बच्चे में पीठ दर्द का हमेशा ध्यान रखें।
3. किसी जगह पर लिंफाडेनोपैथी का लक्षण दिखे, जो बना रहे और कारण स्पष्ट नहीं हो-
– कांख/पेट व जांघ के बीच के हिस्से/गर्दन पर दो सेमी व्यास से बड़ी, बिना किसी क्रम के और सख्त गांठों को लेकर हमेशा सतर्क रहें। यदि एंटीबायोटिक देने पर भी दो हफ्ते में इनका आकार कम नहीं हो, तो बचाव जरूरी है।
– टीबी से संबंधित ऐसी गांठें जो इलाज के छह हफ्ते बाद भी बेअसर रहें।
– सुप्राक्लेविकुलर (कंधे की हड्डी के ऊपर की ओर) हिस्से में होने वाली गांठ।
4. अचानक उभरने वाले न्यूरो संबंधी लक्षण-
– दो हफ्ते से ज्यादा समय से सिरदर्द
– सुबह-सुबह उल्टी होना
– चलने में लड़खड़ाहट (एटेक्सिया)
– सिर की नसों में लकवा
5. अचानक चर्बी चढ़ना। विशेषरूप से पेट, वृषण, सिर, गर्दन और हाथ-पैर पर में।
6. अकारण लगातार बुखार, उदासी और वजन गिरना।
7. आंखों में बदलाव, सफेद परछाई दिखना, भेंगापन के शुरुआती लक्षण, आंखों में अचानक उभार (प्रोप्टोसिस), अचानक नजर कमजोर होने लगना।
साभार : द हेल्थ साइट्स