पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में दुनियाभर के देशों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घर से निकलने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं का निपटान कैसे करें, ये अधिकतर लोगों के लिए चिंता का विषय रहता है। इसी वजह से कई शहरों में अपशिष्ट डिपो ओवरफ्लो हो रहे हैं और पारिस्थितिक संतुलन तेजी से गिर रहा है। लेकिन हमारे आसपास कई ऐसे लोग भी हैं, जो धीरे-धीरे अपनी कोशिश से पर्यावरण संतुलन की दिशा में काम कर रहे हैं।
कुछ ऐसी ही सोच के साथ महाराष्ट्र के कुछ युवकों ने प्लास्टिक कचरे से आकर्षक फर्नीचर बनाने की अनूठी पहल की शुरूआत की है। अमरावती जिले में मधुर अपने तीन दोस्तों के साथ मिल कर रीसायकल बेल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का संचालन कर रहे हैं।
कैसे हुई शुरूआत?
दरअसल, मधुर राठी ने कभी नहीं सोचा था, कि कचरा प्रबंधन पर एक सम्मेलन उनके जीवन की दिशा को ही बदल देगा। एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद मधुर अहमदाबाद ने एक कंपनी के लिए काम करना शुरू किया। कुछ दिनों बाद कुछ पारिवारिक परिस्थिति के कारण उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने अपने तीन दोस्तों, रौशन पीडियार, आशीष मोदक, भूषण बुब के साथ मिलकर शहर के अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में काम करना शुरू किया।
मुद्रा लोन से कंपनी को मिली गति
5 लाख रुपये के शुरुआती निवेश के साथ उन्होंने अपशिष्ठ प्रबंधन की कंपनी शुरू की और शहर के डंपयार्डों से प्राप्त कचरे से खूबसूरत फर्नीचर बनाना शुरू किया। उन्होंने कुर्सियां, स्टूल, रैक, स्टैंड, अलमारियां, बर्तन, बेंच और टेबल बनाएं, जिसे लोग अपने घर और आंगन में रख सकते हैं। खास बात ये है कि मधुर ने अपने व्यवसाय को अपने दम पर उठाना शुरू किया और फिर रुपये की जरूरत पर मुद्रा लोन लिया। 10 लाख के मुद्रा लोन ने उनके कारोबार को गति देने में बहुत मदद की।
मधुर राठी बताते हैं कि सभी दोस्तों ने पांच-पांच लाख निवेश किया। इसके एक साल बाद रोजगार की शुरुआत करने और छोटे एमएसएमई के लिए केंद्र सरकार की योजना मुद्रा लोन योजना के जरिए लोन लेने के योग्य हुए। इसके जरिए हमें 10 लाख का लोन मिला
फर्नीचर को दोबारा किया जा सकता है रिसाइकिल
भूषण बूब बताते हैं कि शॉप, मॉल, इंडस्ट्री, कबाड़ी वाले इन सब से वेस्ट इकट्ठा करना शुरू कर दिया। इसके अलावा अमरावती में 100 से ज्यादा वेस्ट पिकर को ट्रेन किया। सामान बनाते समय हम इसमें किसीई भी प्रकार का केमिकल या फॉरेन मटेरियल जैसे मिट्टी, भूसा प्रयोग नहीं करते, जिससे कि सालों बाद भी इन्हें रिसाइकिल किया जा सके।
कचरे से बने फर्नीचर होते हैं सुंदर और मजबूत
इनकी कंपनी द्वारा बनाए गए सभी उत्पाद पुनर्नवीकरणीय प्लास्टिक से बने होता है। दरअसल, 30 से 40 प्रकार के कचरे होते हैं, जिसमें पॉलिथीन बैग, प्लास्टिक की बोतलें, डिब्बे और बेकार कुर्सियां आदि शामिल हैं। इन्हें अलग-अलग किया जाता है और अलग से रखा जाता है। इन्हें सपाट सतह बनाने के लिए मशीन में दबाया जाता है। फिर इसे अलग कर रीसायकलर्स की आवश्यकता के अनुसार संसाधित किया जाता है और उसके बाद पुवर्नविकरणिय सामग्री का उपयोग कर मैट, खिलौने, बैड और कालीन तैयार किए जाते हैं। इनका कहना है कि कचरे से बना फर्नीचर न केवल सुंदर है, बल्कि मजबूत भी है।
लकड़ी का उत्कृष्ट विकल्प
कचरा प्रबंधन की दिशा में इन युवाओं के प्रयासों को देखते हुए कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। इन युवाओं का मानना है कि पुनर्नवीकरणीय उत्पादों को खरीदना कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद कर सकता है। ये महंगी लकड़ी का उत्कृष्ट विकल्प भी है।