“आर्टिकुलेट – 2024″: आईवीएफ विशेषज्ञों, भ्रूण वैज्ञानिकों और प्रसूति विशेषज्ञों का विज्ञान और सेवा का संगम

देशभर से जुटे 300 विशेषज्ञ

पटना : इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी (आईएफ़एस), बिहार चैप्टर द्वारा आयोजित “आर्टिकुलेट – 2024” सम्मेलन का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह दो दिवसीय सम्मेलन, जो 24 और 25 अगस्त 2024 को पटना के ताज सिटी सेंटर होटल में आयोजित किया गया, में देशभर से 300 से अधिक फैकल्टी, डेलीगेट, भ्रूण वैज्ञानिक और आईवीएफ विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस सम्मेलन ने विज्ञान और सेवा को एक मंच पर लाते हुए आईवीएफ विशेषज्ञों, भ्रूण वैज्ञानिकों और प्रसूति विशेषज्ञों के बीच अभूतपूर्व सहयोग का अवसर प्रदान किया।

डॉ. दयानिधि कुमार, आयोजन सचिव, ने कहा, “आर्टिकुलेट – 2024 का उद्देश्य आईवीएफ और भ्रूण विज्ञान के विशेषज्ञों को एक साझा मंच पर लाना है, जहां हम विज्ञान की नवीनतम उपलब्धियों और तकनीकों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं। इस सम्मेलन का एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि आईवीएफ उपचार न केवल प्रभावी हो, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ और किफायती भी हो। जब हम सभी विशेषज्ञ मिलकर काम करते हैं, तो हम मरीजों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं।”

डॉ. कल्पना सिंह, आयोजन अध्यक्ष, ने इस कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में सफल होने के लिए न केवल अत्याधुनिक तकनीक की आवश्यकता होती है, बल्कि प्रसूति विशेषज्ञों और भ्रूण वैज्ञानिकों के बीच घनिष्ठ सहयोग भी महत्वपूर्ण है। 3डी अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीकों के उपयोग से हम न केवल उपचार की सटीकता में सुधार कर सकते हैं, बल्कि मरीजों को भी बेहतर परिणाम प्रदान कर सकते हैं। आर्टिकुलेट – 2024 ने इन सभी विशेषज्ञों को एक साथ लाकर एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहां हम सब मिलकर मरीजों के हित में काम कर सकते हैं।”

आर्टिकुलेट – 2024 ने प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान की शक्ति को एकजुट करते हुए आईवीएफ और भ्रूण विज्ञान के विशेषज्ञों को एक साथ जोड़ा। इस सम्मेलन में उन नई रणनीतियों पर चर्चा की गई, जो बांझपन के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। विशेषज्ञों ने भ्रूण विज्ञान में उभरती प्रवृत्तियों, अंडों को फ्रीज करने की तकनीक, और 3डी अल्ट्रासाउंड जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर गहन चर्चा की।

सम्मेलन के दौरान, यह जोर दिया गया कि केवल आईवीएफ विशेषज्ञ और भ्रूण वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि प्रसूति विशेषज्ञ भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रसूति विशेषज्ञों की देखभाल और सहयोग से मरीजों को संपूर्ण उपचार प्रक्रिया में एक समग्र अनुभव मिलता है, जिससे सफलता दर और भी बढ़ जाती है। प्रसूति विशेषज्ञों ने इस सम्मेलन में गर्भधारण के दौरान देखभाल और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मरीजों को सर्वोत्तम संभव परिणाम मिलें।

आर्टिकुलेट – 2024 के इस आयोजन ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि कैसे विज्ञान, विशेषज्ञता, और सेवा के इस संगम से न केवल बांझपन का सामना कर रहे दंपतियों को राहत मिल सकती है, बल्कि इससे समग्र रूप से समाज को भी लाभ होगा। सम्मेलन ने आईवीएफ उपचार को और अधिक प्रभावी, सुलभ, और समावेशी बनाने के लिए आवश्यक कदमों पर जोर दिया, जिससे समाज के हर वर्ग को इसका फायदा मिल सके।

इस सम्मेलन का समापन सभी विशेषज्ञों के योगदान की सराहना के साथ हुआ, और इसने यह संदेश दिया कि विज्ञान और सेवा का यह संयुक्त प्रयास निश्चित रूप से प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित करेगा।

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