गुवहाटी हाइकोर्ट ने ‘सुपर 30’ के आनन्द कुमार को न्यायालय में पेश होने का दिया निर्देश 

नयी दिल्ली। गुवहाटी हाइकोर्ट के छात्रों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ‘सुपर 30’ के आनन्द कुमार को पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अगली सुनवाई के दिन अपना पक्ष रखने के लिए उन्हें अदालत में उपस्थित रहना होगा। अगली तिथि 26 नवम्बर को कोर्ट ने निर्धारित की है।

आईआईटी गुवाहाटी में अध्ययनरत पूर्वोत्तर भारत के चार छात्रों द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और न्यायमूर्ति अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ की पीठ ने आज अपने आदेश में कहा, “हम निर्देश देते हैं कि उत्तरदाता नंबर 8 (आनंद कुमार) को मामले की सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित रहना होगा। यदि उत्तरदाता नंबर 8 सुनवाई की अगली तारीख को उपस्थित नहीं होता है, तो हम कोर्ट में पेश होने के लिए उनके नाम ज़मानती वारंट जारी करने पर विवश होंगे।” पीठ ने यह भी आदेश दिया कि याचिका को सुनवाई के लिए 26 नवंबर को “सूची में ऊपर” सूचीबद्ध किया जाए।

दरअसल याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता अमित गोयल के माध्यम से हाईकोर्ट मे इस बात को रखा है कि सुपर 30 के कामकाज में कोई पारदर्शिता नहीं है। आनन्द कुमार ने पूर्व बिहार के डीजीपी अभयानंद के साथ मिलकर आईआईटी जेईई को क्रैक करने के लिए बिहार के गरीब छात्रों को पढ़ाने के लिए सुपर 30 की कल्पना की थी। 2008 में अभयानंद ने कुमार का साथ छोड़ दिया।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि नॉर्थ ईस्ट के बहुत सारे छात्र, जिन्होंने “सुपर -30 ‘में नामांकित होने के लिए” स्व-घोषित गणितज्ञ “कुमार” से संपर्क किया था, उन्हें उनके द्वारा एक कोचिंग संस्थान में “रामानुजन स्कूल” में भर्ती कराया गया। वहां प्रति छात्र 33,000 की राशि देने को कहा गया। याचिका में कहा गया कि “… अधिकांश समय प्रतिवादी आनन्द कुमार भारत और भारत के बाहर विभिन्न स्थानों पर घूमते हैं और आईआईटी के उम्मीदवारों को पर्याप्त समय नहीं देते हैं।

जब भी आईआईटी के परिणाम घोषित हुए, आनन्द रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स और कुछ छात्रों के साथ मीडिया के सामने पेश होते हैं और दावा करते हैं कि वे सुपर 30 छात्र हैं और IIT प्रवेश परीक्षा में पास हो गए हैं। आनन्द द्वारा बनाया गया झूठा प्रचार केवल IIT के आकांक्षी छात्रों और उनके अभिभावक को ही धोखा नहीं दे रहा है, बल्कि इस देश के आम लोगों को भी गुमराह किया जा रहा है।”

मालूम हो कि पिछले वर्ष आनंद काफी विवादों में रहा उनके छात्रों ने हीं उनपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने प्रसिद्वि पाने के लिए गलत जानकारी दी है। साल 2018 में आनंद कुमार ने दावा किया था कि उनकी कोंचिंग सुपर-30 के 26 बच्चों ने जेईई एडवांस में सफलता पाई है। जबकि कोचिंग के छात्रों का कहना था कि इस बार सिर्फ तीन बच्चे हीं जेईई-एडवांस में क्वालीफाई कर पाए हैं।

साभार- लाइव बिहार न्यूज।

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