केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दो दिवसीय सम्मेलन – “अमृत समागम” का उद्घाटन किया। आजादी का अमृत महोत्सव पर भारत सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रियों का सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है। सम्मेलन में होने वाले चर्चा के विषयों में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ऐतिहासिक पहल – ‘हर घर झंडा’, ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’, ‘डिजिटल जिला भंडार’, ‘स्वतंत्र स्वर’ और ‘मेरा गांव मेरी धरोहर’ के संदर्भ में लोगों की व्यापक भागीदारी शामिल हैं। भारतीय संस्कृति मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव की अब तक की प्रगति पर विचार-विमर्श करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
जुड़ेगी आने वाली पीढ़ी
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव शायद एक पीढ़ी के बाद किसी के भाग्य में ऐसा समय आता है कि हम इसको मना पाएं। उन्होंने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि आज आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में हम पर ऐसा कोई न कोई दायित्व है कि इससे जुड़ने का सौभाग्य हम सबको मिला है। अगर एक बच्चा आज आजादी के संघर्ष के साथ अपने आप को जोड़ देता है तो वह पूरे दिन और पूरे जीवन भर भारत के विकास के लिए समर्पित रहेगा। भारत की आने वाली पीढ़ी को इस स्वर्णिम अवसर के साथ जोड़ने का समय है।
विभिन्न सत्रों का हो रहा आयोजन
आजादी का अमृत महोत्सव की सफलता मुख्य रूप से “संपूर्ण सरकार” पर निर्भर है। यह अभियान विदेश के समकक्षों के साथ-साथ प्रत्येक मंत्रालय, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की भागीदारी सुनिश्चित करता है। इस अभियान में पर्यटन के महत्वपूर्ण योगदान पर ध्यान केंद्रित करते हुए पर्यटन मंत्रालय द्वारा इसका एक सत्र भी आयोजित किया जाएगा। इसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत उनके द्वारा की गई प्रगति पर एक सत्र होगा, साथ ही अब तक सीखे गए सर्वोत्तम तौर-तरीकों और उनकी प्रगति के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।
आजादी का अमृत महोत्सव
आजादी का अमृत महोत्सव केंद्र और राज्य सरकारों की एक प्रमुख पहल है, जिसे भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू किया गया है। इस महोत्सव की शुरुआत पीएम मोदी ने की थी। 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने से 75 हफ्ते पहले अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े देश भक्ति के उत्साह को फिर से जागृत करना और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद कर इंडिया@2047 के लिए एक विजन तैयार करना है।