पूज्य रघुवंश बाबू जैसा नेता बिरले जन्म लेते हैं-तेजस्वी

पटना। मनरेगा मैन डा रघुवंश प्रसाद की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि रघुबंश बाबू जैसे नेता बिरले जन्म लेते हैं।वे सच्चे समाजवादी थे। संघर्ष करते और कार्यकर्ताओं मे जोश भरते थे।उन्हें मैन ऑफ मनरेगा के रूप मे देश जानता है। मेरे पिता लालू प्रसाद से उनका रिश्ता कैसा था वे सब जानते हैं।

उन्होंने अपनी जमीन और संस्कृति को कभी नहीं छोड़ा। समाज से हमेशा जुड़े रहे। लोगों की आवाज को सदन मे उठाने मे हमेशा आगे रहे। वे आज हमारे बीच नहीं हैं मगर उनका आदर्श और सिद्धांत यादें हमसब के बीच अमर रहेगी जो लोगों के लिये प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। तेजस्वी ने यह भी कहा कि सभी समाजवादी एकजुट हुए हैं। मिल कर आगे बढ़ेंगे और कामयाब होंगे। 2024 मे साम्प्रदायिक शक्ति को सत्ता से बाहर कर दम लेंगे।

पूर्व राज्यपाल निखिल सिन्हा ने स्व रघुबंश बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रघुबंश बाबू विकाश पुरुष थे उन्हें मनरेगा और ग्रामीण सड़कों के लिये याद किया जाएगा।मनरेगा उनकी सोच थी। बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद ठाकुर ने श्रद्धांजलि सभा एवं स्मृति व्यख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि रघुबंश बाबू मे सत्ता की चमक का कोई असर नहीं देखा। जैसे जैसे वे सत्ता की ऊंचाई पर पहुंचते गए उनमें उतना ही अधिक सादगी बढ़ती दिखी।

उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू जमीर वाले व्यक्ति थे। राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि रघुवंश नारायण हमसब के आदरणीय नेता थे। वे समाजवाद आंदोलन और छात्र आंदोलन के मजबूत कड़ी थे। इस मौके पर शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रघुबंश बाबू हमसब के प्रेरणा स्रोत थे। उनके बताए हुए मार्ग से समाजवाद की धारा को मजबूती दी जा सकती है। पूर्वमंत्री शिवानंद तिवारी ने रघुबंश बाबू से जुड़े कई संस्मरण को याद दिलाया और कहा कि उन्होंने रघुबंश बाबू को सक्षम मंत्री के रूप मे काम करते देखा है। पूर्वमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि रघुबंश बाबू के कथनी और करनी मे सामंजस्य था। पूर्व मंत्री रामचन्द्र पूर्वे ने रघुबंश बाबू के साथ बिताए दिनों की याद दिलाई और कहा कि उनका कहना था कि संघर्ष के बिना संगठन अधूरा है। इस अवसर पर कई पूर्व मंत्री, विधायक तथा विधान पार्षदों ने भी अपने विचार रखकर श्रद्घांजलि अर्पित की।

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