गया : बालाजी नगर स्थित ख़ुशी पैलेस में भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के तत्वाधान में कार्यकर्ता सह जनसंवाद सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता गिरजा शर्मा एवं मंच संचालन वैजू शर्मा ने की। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि भारत के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के सुपौत्र सह ऑल विश्वकर्मा रामगढ़िया फाउंडेशन के संस्थापक इंद्रजीत सिंह (बब्बू) ने कहा कि विश्वकर्मा समाज गौरवशाली तब होगा जब हम अपनी परम्पराओं और जीवन मूल्यों का निर्वाह करने में सफल और सक्षम होंगे, और हम सफल और सक्षम तब होंगे जब समाज का प्रत्येक वर्ग अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करने में सफल होगा। अपने कर्तव्यों को महत्व देकर समाजिक मूल्यों, परम्पराओं के माध्यम से समाज का एकीकरण करने के लिए तैयार होना होगा। श्री बब्बू ने कहा कि एक सूत्र में बंध कर पटना के गांधी मैदान में 2025 के अप्रैल माह में होने जा रही विश्वकर्मा एकता रैली में तन मन धन के सहयोग के साथ अपनी एकता की परिचय देने का कार्य करेंगे।
जबकि भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद विश्वकर्मा ने कहा कि इस रैली को सफल बनाने के लिए आज से रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया है जो पूरे बिहार में घूम कर विश्वकर्मा वंसाजों को जागरूक करेगी। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के अनुसार बिहार में विश्वकर्मा समाज की आबादी 8 से 9 प्रतिशत है, इसके बाबजूद भी यह श्रमिक समाज को समुचित अधिकार नहीं मिल पाया है। अब विश्वकर्मा समाज जागरूक हो गया है। अब भीख नहीं अधिकार लेंगे और सरकार भी बनायेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति से वंचित होने के कारण समुचित अधिकार से भी वंचित है। अब विश्वकर्मा समाज मजबूती से हर लड़ाई लड़ने को तैयार है और 2025 के अप्रैल माह में गांधी मैदान में विश्वकर्मा एकता महारैली कर अपनी शक्ति प्रदर्शन कर एकजुटता दिखाएंगे साथ ही उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि अभी से महारैली की तैयारी के लिए सभी लोग तन मन धन से लग जाएं। वहीं महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शिलेन्द्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वकर्मा समाज को अपने बच्चों को पढ़ाने पर जोड़ देना होगा, साथ ही समाज में शिक्षा की भूख जगाना होगा। शिक्षा के माध्यम से ही अपना ताज और राज एवं समाज व देश की निर्माण की परिकल्पना कर सकते है।
मौके पर महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सुनीता शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विद्या भूषण शर्मा, गया जिलाध्यक्ष बब्लू ठठेरा, देवेन्द्र शर्मा, गिरजा शर्मा, अजय शर्मा, राम लखन स्वर्णकार, मनोज कुमार ठठेरा, गोपाल कृष्णा प्रसाद, रामश्रय विश्वकर्मा, दयानंद विश्वकर्मा, भीम विश्वकर्मा, देव कुमार शर्मा, डॉ विन्देश्वरी शर्मा, किरण वर्मा आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही।