पटना : अप्रैल 2025 में होने वाली विश्वकर्मा एकता महारैली के सफल आयोजन को लेकर शनिवार को सिपारा स्थित वैष्णवी उत्सव हॉल में भारतीय विश्वकर्मा महासंघ द्वारा कार्यकर्ता सह जनसंवाद सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में सैकड़ों विश्वकर्मा बंधुओं ने शामिल होकर अपनी एकजुटता का परिचय दिया। कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद विश्वकर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समाज आजादी के इतने वर्षों के उपरांत भी सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक हर क्षेत्र में उपेक्षित है।
उन्होंने कहा कि समाज के लोग जब तक एमपी, एमएलए नहीं बनेंगे तब तक विश्वकर्मा समाज के अधिकार का हनन होते रहेगा। इसलिए हमलोग मिशन 2025 विश्वकर्मा एकता महारैली के सफल आयोजन को लेकर संगठन को मजबूत करने के लिए एकजुट हो जाएं और सत्ता संघर्ष की ओर बढ़े। उन्होंने कहा कि ने कहा कि जिसकी दो प्रतिशत आबादी है उन्हें सत्ता में आजादी से लेकर अब तक सम्मान मिल रहा है जबकि विश्वकर्मा वंशी की आबादी 8 प्रतिशत है फिर भी सत्ता से वंचित है। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पौत्र इंद्रजीत सिंह बब्बू ने कहा कि अब विश्वकर्मा समाज इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। राजनीतिक भागीदारी नहीं बल्कि अब सत्ता के लिए लड़ाई होगी।
विश्वकर्मा समाज कई वर्षों से रैली और कार्यक्रम के माध्यम से अपने समाज की दशा एवं दिशा का संज्ञान लगातार सभी राजनीतिक दलों को देते रहा है पर इन राजनीतिक दलों ने साथ नहीं दिया। इसीलिए अगले चुनाव में हर सीट पर हम अपने समाज के उम्मीदवार खड़े करके उन्हें जिताने का काम करेंगे। जबकि महासंघ की नेत्री सुजाता शर्मा एवं सुनीता सोनी ने समाज के लोगों से संगठित होने की अपील की। सम्मेलन में विश्वकर्मा के पांचो पुत्रों सोनार, लोहार, ठठेरा सहित सैकड़ो लोगों की उपस्थिति रही।