देश का करेंट अकाउंट घाटे में मौजूदा वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में तेज गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में करेंट अकाउंट घाटा 1.3 अरब डॉलर रहा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ये 8.3 अरब डॉलर थी। करेंट अकाउंट घाटे में ये गिरावट खासतौर पर व्यापार घाटे में कमी की वजह से आई है। हालांकि अगर 2013-14 की अंतिम तिमाही के आंकड़ों से इसकी तुलना करें तो इसमें थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2013-14 की चौथी तिमाही में करेंट अकाउंट घाटा का आंकड़ा 1.2 अरब डॉलर था। हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2015 की बात की जाए तो करेंट अकाउंट घाटा में अच्छी कमी आई है। इस अवधि में करेंट अकाउंट घाटा रहा 27.5 अरब डॉलर जो जीडीपी के 1.3 फीसदी के बराबर है। इसके पहले वाले वित्त वर्ष में करेंट अकाउंट घाटा 32.4 अरब डॉलर के साथ जीडीपी के 1.7 फीसदी के बराबर था। मई में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 37.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। टैक्स कलेक्शन बढ़ने पर खुशी जताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़त मैन्युफैक्चरिंग में हो रहे सुधार को दर्शाती है।