एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने अपने बिहार चैप्टर और तेजाब हिंसा के खिलाफ लड़ाई को लॉन्च किया

एसिड व बर्न सरवाइवर के लिए सदमा सूचना देखभाल किट का लॉन्चए बिहारए 2 अप्रैलए 2018रू एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन ने अपने बिहार चैप्टर के लॉन्च करने की घोषणा की साथ ही अभियान, तेजाब हिंसा के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत की। इस अवसर पर बिहार सरकार के बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेयए पूर्व विधायक अनिल सिंहए महापौर सीता साहूए उपमहापौर विनय कुमार पप्पू ए किरण घईए दिलमणि मिश्राए एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ हरि प्रसाद कानोड़ियाए एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन तथा सीइओ डॉ राहुल वर्माए एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन के बिहार चैप्टर की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा अग्रवालए तथा एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन के मेरठ चैप्टर के चंद्रहास मिश्रा उपस्थित थे।  एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर से तेजाब हमले से उबरने वालों को भारत में मौजूद अपने विभिन्न चैपटर्स के जरिए मदद दी जाती है और उसने उनके जीवन पर सकारात्मक तौर पर खासा प्रभाव डाला है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समाज की मुख्यधारा में वह खुद को फिर से शामिल कर सकें। एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने बिहार क्षेत्र में पहले ही ऐसे कई सरवाइवर्स को चिह्नित किया है।
मौके पर उपस्थित विशिष्ट जनों ने ट्रॉमा.इनफॉर्म्ड केयर किट ;टीआइसीकेद्ध को लॉन्च किया जो दुनिया में अपनी तरह का इकलौता है। इसे कनाडा के वैंकूवर बीसी के लश फ्रेश हैंडमेड कॉस्मेटिक्स ने एसिड सर्वाइवर्स ट्रस्ट इंटरनेशनल ;एएसटीआइद्धएलंदनए यूके के जरिए फंडिंग दी है। इसे 100 फीसदी पोस्ट कंज्यूमेबल रिसाइकल्ड पेपर पर छापा गया है जो लश पर्यावरण हितैषी नीतियों के अनुरूप है। टीआइसीके चिकित्सा परिसेवा के दौरान और अधिक सदमे की रोकथामए मनोवैज्ञानिक.सामाजिक देखभाल और एसिड हिंसा व जलने की शिकार के पुनर्वास के मुद्दों पर ध्यान देता है। एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने देश में 500 से अधिक तेजाब हमले की सरवाइवर्स को चिह्नित किया है। वर्ष 2015 से संबंधित सरकार के हालिया तथ्यों ;एनसीआरबीद्ध के मुताबिक उत्तरी क्षेत्र में तेजाब हिंसा के सर्वाधिक वारदात होते हैं जो कि कुल वारदातों के करीब 44 फीसदी हैं। वहीं पूर्वी क्षेत्र में 27 फीसदी और पश्चिमी क्षेत्र में 16 फीसदी तथा दक्षिणी क्षेत्र में 13 फीसदी वारदात होते हैं। वर्ष 2010 से 2016 तक बिहार में ऐसे 47 मामले सामने आये हैं। एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ देश भर में ऐसे सरवाइवर्स के पास पहुंच रहा है ताकि उनकी चिकित्सा में सहायता की जा सके। सरकार से उन्हें मुआवजा दिलाने में मदद के अलावा उनके पुनर्वास के लिए फंड भी इकट्ठा करता है। इस चैप्टर के जरिए बिहार से सरवाइवर्स की प्रभावी तरीके से सामग्रिक मदद हो सकेगी।  देश भर के विशिष्ट सामाजिक कार्यकर्ताए समाजसेवीए उद्योगपतिए चिकित्सक व सर्जन इस पवित्र कार्य में सहयोग दे रहे हैं। एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने पहले ही कोलकाता पुलिस व मुंबई पुलिस के साथ मिलकर उनके अधीन सभी थाना क्षेत्रों में संयुक्त जागरूकता कार्यक्रम चलाया है। फाउंडेशन की गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय तौर पर मान्यता मिली जब उसे श् सर्टिफिकेट ऑफ स्पेशल कॉन्ग्रेशनल रिकग्निशन श् से अमेरिकी कांग्रेस मेंबर्स ने सम्मानित किया। फाउंडेशन अपने मकसद की पूर्ति की ओर चार तरह से कदम बढ़ाता है। पहले चरण में चिह्नित पीड़िताओं को देखभाल और सहायता प्रदान की जाती है जो समाज आधारित कार्यक्रमों के जरिए होती है। इसके बाद एनजीओ तथा सरकारी संगठनों की सहायता परिसेवा संस्थानों के साथ मिलकर रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाते हैं। एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने सरवाइवर्स को कानूनी मदद देने वाले संगठनों के अलावा उनके मामलों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत तथा वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के संगठन ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क;एचआरएलएनद्ध के साथ भी गठबंधन किया है। एसिड हमलों के जरिए फैलाये जाने वाले आंतक के खिलाफ युद्ध श् के अभियान के द्वारा हमारी परिकल्पना है कि भारत में तेजाब हिंसा को सामाजिकए शैक्षिक और नियामक प्रक्रियाओं के जरिए खात्मा किया जा सके। भारत में तेजाब हिंसा का यह अमानवीय अपराध बढ़ रहा हैए इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हमारी परिसेवा अधिक से अधिक तेजाब हमले की शिकार सरवाइवर्स को मिल सके। एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ एचण्पीण्कानोड़िया ने कहा ए श् हमारी कोशिश है कि मानवाधिकारए लैंगिक समानताए महिला जागरण और सशक्तिकरण की दिशा में विभिन्न उपायों के जरिए प्रबुद्ध रवैये को बढ़ावा दिया जाये। एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन के वाइस चेयरमैन डॉ राहुल वर्मा ने कहाए श् मानवता के खिलाफ तेजाब हिंसा सर्वाधिक जघन्य अपराधों में से एक है। सरवाइवर्स की सहायता के लिए हमारे द्वारा अपनाये जाने वाले विभिन्न उपायों के अतिरिक्त हमारी योजना है कि एक साइको.सोशल बर्न सह पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाये जो पीड़ितों की देखभाल समग्र तरीके से कर सके। एएसएफआइए तेजाब संबंधी मामलोंए पर्याप्त मुआवजाए निशुल्क या सब्सिडी की चिकित्सा उपलब्ध करानेए पुनर्वास देने और दोषियों को उचित सजा दिलाने की दिशा में समान रूप से काम करने वाले विभिन्न एनजीओध् संगठनों के साथ समन्वय व गठबंधन करेगा। एसिड सरवाइवर्स एंड विमेन वेलफेयर फाउंडेशन को कोलकाता में स्थापित किया गया था और उसे 2010 के फरवरी में उसे एक गैर लाभकारी संगठन के तौर पर पंजीकृत किया गया था। तेजाब हिंसा की रोकथाम तथा पीड़ितों को सहयोग परिसेवा दिलाने की दिशा में यह देश का अग्रणी एनजीओ है जो अपने चैप्टर्स के नेटवर्क तथा पार्टनर्सए ज्ञानए विशेषताएं और श्रेष्ठ उपायों के आदान.प्रदान के जरिए यह कार्य करता है। हमारा मिशन बर्न सरवाइवर्स व विरूपित लोगों का शारीरिकए मानसिक और सामाजिक पुनर्वास तथा उनके मानवाधिकार और सम्मान को स्थापित करना है। एएसडब्ल्यूडब्ल्यूएफ विभिन्न रोकथाम अभियान भी चलाता है ताकि लोगों में जागरूकता फैलायी जा सके और उनका रवैया विरुपित चेहरे के प्रति बदल सके। कारण है।

तेजाब हमले के सरवाइवर्स के लिए हेल्पलाइन नंबर पर सहायता के लिए हमसे संपर्क करें.  +919007612727

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