500 से अधिक चिकित्सकों ने पल्मोनरी चिकित्सा पर की चर्चा
पटना : इंडियन चेस्ट सोसाइटी, बिहार चैप्टर द्वारा आयोजित दो दिवसीय सातवां राष्ट्रीय सम्मेलन बिपकॉन – 2024 सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 26 और 27 अक्टूबर को स्थानीय ज्ञान भवन में आयोजित इस सम्मेलन में 500 से अधिक चिकित्सक, वैज्ञानिक, फार्मास्यूटिकल कंपनी एवं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता शामिल हुए।
इस सम्मेलन ने विज्ञान और सेवा को एक मंच पर लाते हुए चेस्ट रोग विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और जनरल फिजिशियन के बीच अभूतपूर्व सहयोग का अवसर प्रदान किया। इस सम्मेलन को सफल बनाने में आयोजन समिति के डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, डॉ. दीपेंद्र कुमार राय, डॉ. पवन कुमार अग्रवाल, डॉ. आशीष डी सिन्हा, डॉ. वैभव शंकर, डॉ. प्रवीण कुमार शाही व डॉ. प्रणय विनोद का सराहनीय योगदान रहा। उन्होंने इस सम्मेलन को बिहार के चिकित्सा जगत के लिए अति महत्वपूर्ण बताया। सम्मेलन ने यह संदेश दिया कि विज्ञान और सेवा का यह संयुक्त प्रयास निश्चित रूप से पल्मोनरी चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई दिशा स्थापित करेगा।
समापन कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह, डॉ. प्रो. विजय प्रकाश, डॉ. बिभा सिंह, डॉ. रश्मि सिंह, सोसाइटी संरक्षक डॉ. कमलेश तिवारी, डॉ. ए एस सिंह, डॉ. डी पी सिंह, डॉ. टीआरबीपीएन सिंह व डॉ. महेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की। कार्यक्रम के अंतिम दिन विशेषज्ञों द्वारा प्रेजेंटेशन, वर्कशॉप, साइंटिफिक सेशन के साथ ही क्विज का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के अंत में बिहार सहित भारत के अन्य प्रदेशों से आये हुए चिकित्सकों का सम्मान किया गया। साथ ही बेहतर प्रेजेंटेशन के लिए डेलीगेट्स एवं फार्मास्यूटिकल कंपनी को सोसाइटी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए आयोजन समिति ने बताया कि बिपकॉन – 2024 का उद्देश्य पल्मोनरी विशेषज्ञों को एक साझा मंच पर लाना है, जहां हम विज्ञान की नवीनतम उपलब्धियों और तकनीकों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।
इस सम्मेलन का एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि पल्मोनरी उपचार न केवल प्रभावी हो, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ और किफायती भी हो। जब हम सभी विशेषज्ञ मिलकर काम करते हैं, तो हम मरीजों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं। बिपकॉन – 2024 ने इन सभी विशेषज्ञों को एक साथ लाकर एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहां हम सब मिलकर मरीजों के हित में काम कर सकते हैं।