पटना :- 13.10.2023:भारत सरकार के अधीन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, पटना द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में चलाये जा रहे पाँच दिवसीय आई.पी.एम. ओरिएंटेसन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार (13.10.2023) को समापन हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत 9अक्टूबर2023 को हुई थी।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि डा० पाबेल मजूमदर, सहायक निदेशक, क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र,कोलकाता ने में प्रशिक्षुओं से उनकी प्रशिक्षण से होने वाले ज्ञानार्जन से संबंधित उनकी राय और फीडबैक ली गई । उन्होंने द्वारा कृषि उत्पादों के निर्यात संवर्धन हेतु किसानों को आई पी एम के महत्व के बारे में किसानों को समझाने के लिए प्रशिक्षुओं को प्रेरित किया गया।
केंद्र के प्रभारी अधिकारी सुनील सिंह, वनस्पति संरक्षण अधिकारी, द्वारा आए हुये प्रशिक्षुओं से आग्रह किया गया कि वे प्रशिक्षण के दौरान सिखायी गई सारी जानकारी को किसानों के बीच प्रचार प्रसार करेंगें ।
इस पाँच दिवसीय आई.पी.एम. ओरिएंटेसन प्रशिक्षण कार्यक्रम में पाँच दिनों के दौरान पौधा संरक्षण से संबन्धित विभिन्न विषयों पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, पटना एवं राज्य सरकार से आमंत्रित जाने माने विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया गया, जिनमें मुख्यतः डा० मो० मोनोब्रुल्लाह, प्रधान वैज्ञानिक, डा० अभिषेक दुबे, वैज्ञानिक, डा० सोनका घोष, वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना, डा० एस० पी० सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, पटना, राजीव कुमार, सहायक निदेशक, शष्य विज्ञान एवं केंद्र के प्रभारी अधिकारी सुनील सिंह, वनस्पति संरक्षण अधिकारी, कुलदीप कुमार, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी, राजेश यादव, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी, संदीप कुमार द्विवेदी, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी इत्यादी सम्मिलित हुये।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य सरकार के कृषि विभाग के 40 प्रसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया, जिनको प्रशिक्षण के बाद केंद्र के प्रभारी अधिकारी सुनील सिंह, वनस्पति संरक्षण अधिकारी की उपस्थिति में मुख्य अतिथि डा० पाबेल मजूमदर, सहायक निदेशक, क्षेत्रीय केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, कोलकाता द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया ।
कार्यक्रम के समापन समारोह में सभी प्रशिक्षुओं द्वारा ये आश्वासन दिया गया कि वे अपने कार्यक्षेत्र में लौटकर आई० पी० एम० की तकनीक का किसानों के बीच प्रचार प्रसार करेंगे।