(पंकज कुमार श्रीवास्तव) पटना बिहार विधानसभा चुनाव पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में जदयू के चार बागी विधायकों ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, राहुल कुमार, नीरज बबलू और रवींद्र राय की सदस्यता फिर बहाल कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी एवं पटना हाईकोर्ट डबल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ये सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं लेकिन मामले के निष्पादन तक इन्हें वेतन-भत्ता,सदन में वोट डालने पर रोक होगा।
ममला राज्यसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी के खिलाफ काम करने के आरोप में स्पीकर ने चारों विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी। ममला पटना हाईकोर्ट न्यायमूर्ति ज्योति शरण की एकलपीठ में 6 जनवरी 2015 को पहुँचा। जहाँ न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के आदेश को निरस्त करते हुए इनकी विधायकी बहाल कर दी। इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील की गई। न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने 7 अप्रैल को एकलपीठ के फैसले को रद्द करते हुए स्पीकर के फैसले को कायम रखने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ बागियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इन्हें राहत दी। इस फैसले का असर हाईकोर्ट के एकलपीठ में लंबित मामले अजित कुमार,पूनम यादव सहित अन्य चार बर्खास्त विधायकों पर भी पड़ सकता है। इन चारों के मामले में भी वही कानूनी बिंदु उठाये गए हैं जो ज्ञानू सहित 4 विधायकों के मामले में उठाये गए थे।