देश की स्त्रियों के मूल अधिकारों की विडंबना

देश की विशाल जनसंख्या में लगभग 50% की भागीदारी रखने वाली राष्ट्र की संवेदनशील माताएं ,बहने अपने मूल तथा सार्थक अधिकार की तलाश में अभी भी संविधान और सरकार की तरफ आस लगाए इंतजार में बैठी हुई है। स्त्रियों का एक बड़ा तबका अभी भी अपनी स्वतंत्रता एवं मौलिक अधिकार से वंचित है। महिलाओं का विकास जितना विशाल आभासी रूप से दिखाया जा रहा है, वास्तविकता एवं धरातल पर स्थिति वैसी नहीं है। महिलाओं के भौतिक रूप से विकास के लिए एक जन अभियान और पृथक समेकित योजना की आवश्यकता…

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डिजिटल दुनिया में क्या देख रहे हैं आपके बच्चे?

बच्चों के लिए साइबर सुरक्षा आधुनिक पेरेंटिंग का एक अनिवार्य हिस्सा डिजिटल युग में, ऑनलाइन सुरक्षा और बच्चों के सूचना तक पहुँच के अधिकार के बीच संतुलन बनाना एक जटिल चुनौती बनी हुई है। सहयोगात्मक प्रयासों, डिजिटल साक्षरता में सुधार और आयु-उपयुक्त मजबूत विनियमों को लागू कर, बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बेहतर तरीके से सुरक्षित किया जा सकता है। बच्चों के लिए साइबर सुरक्षा आधुनिक पेरेंटिंग का एक अनिवार्य हिस्सा है। इन तकनीकों को लागू करके, उपयुक्त सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके, और फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट के लाभों का लाभ…

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