गुज़रा हुआ ज़माना, “रविवारीय” में आज फिर से याद करने की कोशिश

गुज़रा हुआ ज़माना! आता नहीं दोबारा!! हाफ़िज़ ख़ुदा तुम्हारा!!! पचास के दशक में आई मधुबाला और प्रदीप कुमार अभिनीत फ़िल्म ” शीरी फरहाद ” का यह चर्चित गीत आज़ फिर से प्रासंगिक हो चला है। गीतकार ने यहां पर यह बात कहकर कि गुज़रा हुआ ज़माना दोबारा नहीं आता है शायद अपने मुताबिक सही ही कहा था। कहां कुछ लौट कर आता है भला। ” जो गुज़र गया, उसे भूल जा ” घड़ी की सूई को कहां हम पीछे कर सकते हैं, पर नहीं । मनु कहिन के इस सफ़र…

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समझौता हमेशा सुखदायी है, ईसमें सामाजिक विकास और शांति का मर्म निहित है – न्यायमूर्ति श्री शरण

दरभंगा 14 सितंबर (वार्ता) पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सह दरभंगा न्यायमंडल के निरीक्षी न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण ने कहा कि समझौता हमेशा सुखदायी है, ईसमें सामाजिक विकास और शांति का मर्म निहित है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में दरभंगा व्यवहार न्यायालय प्रांगण में रिमझिम फूहारों के बीच जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष विनोद कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन करते हुए न्यायमूर्ति अंजनी कुमार शरण ने कहा कि लोक अदालतें विशेष न्यायालय हैं जो भारत में वैकल्पिक विवाद…

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