दुसरी दुनिया की खोज में कई देश वर्षों से लगे हैं। इस ब्रह्मांड में क्या कोई ग्रह और भी है जहाँ पृथ्वी जैसी जीवन की संभावना है? यह महत्वपूर्ण प्रश्न पिछले कई दशकों से वैज्ञानिकों के जेहन में है और कई तरह के रिसर्च भी हो रहे हैं। अमेरिका, चीन, रूस और अन्य कई देश वर्षों से इस प्रश्न के उत्तर ढूँढ़ने के लिए अंतरिक्ष में अपने-अपने यान भेज रहे थे। इसके पीछे उन सबकी मंशा इस अभियान में आगे बढ़ कर खोज करने और विश्वभर में अपनी प्रौद्योगिकी का लोहा मनवाने की थी। पर बिना फल की इच्छा के कर्म करने वाला और विश्व भर को शून्य देने वाले भारत ने इस अभियान में सफलता हासिल कर ली है। और यह अभियान नासा जैसे किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन ने नहीं बल्कि, स्वदेशी इसरो ने चलाया था। इस सफलता के बाद निश्चित हीं भारतवासियों का आज सुबह आँखे खुलते ही सीना चैड़ा हो गया।
हिन्दुस्तान ने अपने मंगल मिशन अभियान में जबरदस्त सफलता हासिल की है। हिन्दुस्तानी वैज्ञानिकों ने वो कर दिखाया है जिसे दुनिया भर के वैज्ञानिक करना चाह रहे थे। मंगल मिशन की कामयाबी ने भारत को अपने पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुँचने वाला पहला देश बना दिया है।