पटना, 11 जून 2016:- आज 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद भवन में लोक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में आधारभूत संरचना एवं उद्योग (सड़क, भवन, बिजली, पेयजल, सिंचाई आदि) प्रशासनिक व्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थायें, मानवाधिकार (पुलिस, सामान्य प्रशासन, पंचायती राज संस्था आदि) एवं सामाजिक प्रक्षेत्र (स्वास्थ्य, शिक्षा कल्याण आदि) विभाग से संबंधित मामले पर लगभग 17 लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को सुझाव दिया गया।
आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में भागलपुर के श्री राजेश कुमार, बक्सर के श्री राजुकमार पांडेय, सहरसा के दामोदर राम, फुलवारीशरीफ, पटना के मो0 अमिरुल हक, गया के श्री राहुल कुमार, नालंदा के श्री विनय कुमार, सहरसा के प्रमोद कुमार वर्मा, सुपौल के श्री अलोक कुमार, मधेपुरा के श्री फारुक सिद्धिकि, मधेपुरा श्री जय कृष्ण भारती, पटना के श्री अंकुर कुमार, दरभंगा के श्री केशव कुमार झा, मुजफ्फरपुर के श्री जीतेंद्र कुमार, कटिहार के श्री रौशन अग्रवाल ने अपने-अपने सुझाव एवं राय मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। राजेश कुमार द्वारा भूमि निबंधन संबंधित एवं जीतेंद्र कुमार के स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिए गए सुझाव को उनसे संबंधित विभाग के प्रधान सचिव को कार्रवाई हेतु निर्देश दिया। अन्य प्राप्त सुझाव एवं राय पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के प्रधान सचिव/सचिव ने वस्तु स्थिति को स्पष्ट किया। लोगों से प्राप्त सुझाव एवं राय पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव को कार्रवाई हेतु निर्देशित किया। आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, निबंधन मद्यनिषेध, उत्पाद एवं वाणिज्य कर मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री श्री प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय, शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन मंत्री, भूमि राजस्व सुधार मंत्री श्री राम नारायण मंडल, पंचायती राज मंत्री श्री कपिल देव कामत, परिवहन मंत्री श्री संतोष निराला, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री के0एस0 द्विवेदी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीष चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, विषेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय श्री अनुपम कुमार, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा फसल बीमा से संबंधित पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल सहायता योजना राज्य के किसानों के हित में राज्य के लिए यह योजना बनायी गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरे देश के लिए है। यह योजना बिहार में भी दो वर्ष से लागू है, इसमें बीमा कंपनियां किसानों को मुआवजा देती है। बीमा कंपनियों को प्रीमियम के रुप में केंद्र एवं राज्य सरकार बराबर राशि उपलब्ध कराती है। थोड़ा सा अंश किसानों को भी प्रीमियम रुप में देना पड़ता है, इसमें ऋणधारक किसानों को ही मुआवजा राशि मिल पाती थी। किसानों को इस योजना से बहुत कम राशि मिल पाती थी। हमलोगों ने इस बात का अध्ययन करवाया कि किसानों को अधिक से अधिक कैसे सहायता उपलब्ध कराएं। किसानों से भी विचार-विमर्श किया गया। विभागीय स्तर पर गहन विचार-विमर्श किया गया और यह निर्णय लिया गया कि फसल सहायता योजना लागू की जाएगी, जिसमें किसी को प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा और राज्य सरकार अपने तरफ से किसानों को सहायता देगी। किसानों को फसल में होने वाली क्षति का उचित मुआवजा मिल सके। राज्य फसल सहायता योजना केंद्र की योजना को नकारना नहीं है। यह राज्य की स्थिति के अनुरुप राज्य के किसानों को अधिकतम सहायता के लिए बनायी गई है। इस फसल सहायता के साथ-साथ किसानों को मिलने वाली आपदा प्रबंधन के समय अगली फसल के लिए जो राशि मिलती है वह जारी रहेगी। इसी वर्ष के खरीफ फसल के समय से ही यह प्रयोग के तौर पर लागू होगा। बाढ़ में क्षति के एवज में माॅगी गयी राषि के बदले में केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध की गयी सहायता राशि के प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ग्रैच्युट्स रिलिफ के तहत यह राशि दी गई है। केंद्र सरकार यह प्रावधान किए हुए है कि अपने आपदा प्रबंधन के बजट के एक प्रतिशत की राशि उपलब्ध करा सकती है। हमलोगों ने 38 लाख लोगों को इस वर्ष आयी बाढ़ के बाद बाढ़ पीड़ितों को 6 हजार रुपये प्रति परिवारों की दर से सहायता राशि उपलब्ध अपने राज्य में करायी साथ ही राशन का प्रबंध, फसल क्षति के लिए सहायता, पुल-पुलियों का निर्माण, सिंचाई तंत्र व्यवस्था दुरुस्त की गई है। सबका आकलन कर के वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री को जानकारी दे दी गई है। बाकी निर्णय केंद्र सरकार को करना है। इस वर्ष 10वीं एवं 12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों से जुड़े प्रश्नों का जवाब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष श्री आनंद किशोर ने विस्तारपूर्वक दिया। मुख्यमंत्री ने अपने सुझाव में कहा कि परीक्षा की प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए आपलोगों के विचार भी जानिए, उनसे संपर्क कीजिए और मीडिया के जो लोग इसमें रुचि रखते हैं, उन सबसे विचार-विमर्श कर और बेहतर बनाने के लिए काम करें। लोकसभा सीटों के बंटवारों से संबंधित प्रश्नों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के वक्त बाकी चीजों पर चर्चा होगी, अभी हमलोग साथ में सरकार चला रहे हैं, किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। शराबबंदी कानून में कुछ तब्दीली से संबंधित प्रश्न के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने राज्य में पूरी ईमानदारी से शराबबंदी कानून को लागू किया है। इसमें कुछ कड़े प्रावधान हैं, इसके लिए कार्यक्रम में एक राय बनाने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग की गई थी। एक्ट का दुरुपयोग न हो, इसके लिए मुख्य सचिव ने अधिकारियों की एक कमिटी बनायी है, जो अध्ययन के आधार पर यह जानकारी देगी कि इसमें क्या सुधार किया जा सकता है।सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित मामला चल रहा है। अतः अपने सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट जनरल से विचार करेंगे और उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा। कानूनी एवं संवैधानिक पहलू को ध्यान में रखते हुए इन सब चीजों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। शराबबंदी कानून का प्रभावकारी ढंग से पालन हो, इसके किसी अंश का दुरुपयोग न हो। अंततः हमलोगों का लक्ष्य शराबबंदी से आगे बढ़ते हुए नशामुक्त समाज बनाना है। शराबबंदी के लागू होने से अंततः फायदा गरीब गुरबा को हुआ है। कुछ लोगों का कहना था कि शराबबंदी लागू होने से राजस्व में बहुत बड़ा घाटा हुआ है लेकिन सच्चाई यह है कि लोगों का शराब में खर्च होने वाली बड़ी राशि का उपयोग विभिन्न कामों में किया जा रहा है, जिससे बाजार का विस्तारीकरण हुआ है और राज्य के खजाने में कर राशि आ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के उत्पादन कार्य करने वाले लोगों के वैकल्पिक रोजगार के लिए सरकार सहायता देना चाह रही है, इसके लिए विस्तृत सर्वेक्षण भी करवा रही है। शराबबंदी से लोगों में बहुत संतोष इस बात की मुझे खुशी है, यह एक बहुत ही कठिन काम है, यह एक सामाजिक अभियान है, यह एक बहुत बड़ा समाज सुधार का काम है। खैनी पर प्रतिबंध के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को इससे विमुक्त करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा, यह एक अभियान चलेगा, इसके वैकल्पिक खेती के बारे में लोगों को बताया जाएगा। एकाएक इस पर कुछ निर्णय नहीं लिया जाएगा। मुजफ्फरपुर में बालिका गृह संचालन की लड़कियों के साथ हुई गड़बड़ी के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर 10 विभिन्न विभागों में नियुक्ति के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयोग के तौर पर किया जा रहा है। वस्तुतः कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान आई0ए0एस0/आई0पी0एस0 की संख्या में कमी के चलते यह परेशानी हुई है, इसके चलते राज्य एवं केंद्र सरकार दोनों के कार्य संचालन में काफी कठिनाई होती है। किसानों की समस्या से जुड़े प्रश्नों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग किसानों को खेती के लिए इनपुट सब्सिडी देना चाहते हैं, इसके लिए चार जिले में प्रयोग के तौर पर सब्जी उत्पादन किसानों को सहायता उपलब्ध कराए हैं। अगले वर्ष से पूरे जिले में ऑर्गेनिक खेती के लिए सहायता उपलब्ध कराएंगे बाद में बाकी फसलों के लिए। इसके लिए उपयुक्त तंत्र विकसित करना होगा। मुख्यमंत्री ने अपने एवं सहयोगियों की तरफ से श्री लालू प्रसाद जी को जन्मदिन की बधाई एवं स्वस्थ होने की कामना की।