स्पेशल स्टोरी: हिंदुस्तानी शेरनी ‘ मेरीकॉम ‘!

(अनुभव की बात, अनुभव के साथ)

भारतीय बॉक्सर एमसी मैरी कॉम 35 वर्ष की हैं और तीन बच्चों की मां हैं। शनिवार को वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में मैरीकॉम ने यूक्रेन की बॉक्सर हना ओखोटो को हराकर इतिहास रच दिया। मैरीकॉम ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया। एमसी मैरीकॉम वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला हैं।मैरीकॉम ने इस टूर्नामेंट के सभी मुकाबले 5 – 0 के अंतर से जीते, जो उनकी मानसिक मजबूती को प्रदर्शित करता है।उन्होंने अपने विरोधियों को कभी कोई मौका नहीं दिया। हर खेल में वह अपने विरोधियों पर हावी रहीं।

इस भारतीय मुक्केबाज ने 2010 में आखरी बार विश्व चैंपियनशिप खिताब जीता था। बढ़ती उम्र और तीन बच्चों को जन्म देने के बाद लोगों ने उनका खेल खत्म मान लिया था। दिल्ली में आयोजित इस फाइनल मुकाबले में मैरीकॉम के सामने उनसे 13 साल छोटी युवा बॉक्सर थी। परंतु मुकाबला शुरू होने के बाद कभी भी मैरीकॉम ने अपने से 13 साल छोटी हना को हावी नहीं होने दिया।उम्र का प्रभाव उन पर बिल्कुल नजर नहीं आता। मैरीकॉम ने अब तक कुल 18 अंतरराष्ट्रीय पदक अपनी झोली में डाले हैं। जिनमें 14 स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक शामिल है।मैरीकॉम ओलंपिक के वूमेन बॉक्सिंग में पदक जीतने वाली एकमात्र हिंदुस्तानी हैं।

जीत के बाद भावुक होते हुए मैरीकॉम ने कहा कि ” मेरे पास देश को देने के लिए इस गोल्ड मेडल के अलावा कुछ भी नहीं है।उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 2020 के टोक्यो ओलंपिक में भी वह देश के लिए गोल्ड जीत पाएंगी। “

मैरीकॉम आप महान हैं, हम समस्त हिंदुस्तानियों को आप पर गर्व है। आप हम सबों के लिए आदर्श हैं। आप की वजह से हम सबों को गौरव का एक और मौका मिला। यह सिर्फ और सिर्फ आपके निजी प्रयास का परिणाम है। हम समस्त देशवासियों की शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *