(अनुभव की बात, अनुभव के साथ)
स्वच्छता के प्रति मैं खुद को, अपने आसपास को, अपने समाज को देखता हूँ तो शर्मिंदगी महसूस होती है। साफ- सफाई के प्रति हमारा नजरिया, हमारे तौर-तरीके, हमारे दैनिक क्रियाकलाप बड़े ही वाहियात हैं। राह चलते पान- गुटखा खाकर सड़कों पर थूकना, खाने-पीने के ग्लास, प्लेट, बोतल, बिस्किट, कुरकुरे आदि के पैकेट को फेंक देना आम बात है। ये कहीं एक जगह की बात नहीं,करीब करीब पूरे बिहार की यही हालत है। यह हमारी आदतों में शामिल है। सड़क किनारे खड़े होकर . ………… करना, यह सब हमारे यहां सामान्य घटना है। पूरे बिहार में अधिकांश जगह सुबह-सुबह दुकानदारों के द्वारा दुकान की सफाई कर कचरे को बीच सड़क पर फेंक देना हमारे यहां सामान्य बात है।
अपने सगे-संबंधी, मित्रों और काम की वजह से बिहार के कोने- कोने में जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है और अक्सर जाता रहता हूँ।सारे बिहार की करीब-करीब एक जैसी ही हालत है। बिहार के किसी भी गांव में चले जाएंगे, शहर जाइए, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया, बिहारशरीफ, छपरा, यहां तक कि राज्य की राजधानी पटना। हर जगह गंदगी का अंबार नजर आता है।सड़क किनारे गंदगी ही गंदगी नजर आती है।
हम सब इसके लिए सरकार को, सरकार द्वारा साफ सफाई के लिए बनाए गए संस्थाओं को दोष देते हैं। क्या सचमुच ऐसा है कि यह संस्था ही इसके लिए दोषी है,जिनका काम साफ सफाई करना है ? क्या साफ सफाई के लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है ?अपने गांव अपने शहर को साफ करना क्या हमारा कर्तव्य नहीं बनता ?
कुछ दिन पूर्व ही मैं नैनीताल गया हुआ था। नैनीताल के माल रोड पर शाम में बाजार गुलजार होता है। हजारों की संख्या में पर्यटक घूमते रहते हैं।बाजार से सामान खरीदते हैं,खाते-पीते हैं और नैनीताल के प्राकृतिक सम्पदा का आनंद लेते हैं।सड़क किनारे खाने-पीने के दुकान होते हैं,जहां पर्यटक खाने-पीने के सामान खरीदते हैं और खाते-पीते हुए घूमते रहते हैं। परंतु मजाल है कि कोई किसी भी प्रकार का खाली ग्लास, बोतल,कोई पैकेट कुछ भी सड़क पर फेंक दे। नहीं,बिल्कुल नहीं।सड़क किनारे हर दस कदम पर वहाँ कचरे का डब्बा नजर आता है,जिसमें आप अपना कोई भी कचरा फेंक सकते हैं। सारे लोग नियमों का पालन करते हैं।यही वजह है कि सालों भर हजारों, लाखों की संख्या में वहां पर्यटक घूमने आते हैं। इसके बावजूद भी वहां गंदगी नजर नहीं आती।
हमें वहाँ से सीखना होगा। यह गंदगी हम सबों का नुकसान करती है। यह गंदगी कई प्रकार से हमें नुकसान पहुंचाती है। यह गंदगी हमें बीमार करती है।यह गंदगी हमारे पर्यावरण को गंदा करती है।यह गंदगी जीव-जंतुओं,पक्षियों-पशुओं के लिए भी खतरनाक है।हम सबों को इसके लिए मिलकर प्रयास करना होगा। हमें अपनी आदतों को बदलना होगा। हमें सड़क पर कचरा नहीं फेंकने का संकल्प लेना होगा।हमें अपने परिजनों को, दोस्तों को, अपने समाज के बच्चों को,बूढ़ों को,सबों को इसके लिए जागरूक करना होगा।इससे हमारा ही फायदा है। हम ये करेंगे और अपने लिए करेंगे।स्वच्छता हमारी जरूरत है, हमारी मजबूरी है।