स्पेशल स्टोरी: ऐसे में कैसे होगा स्वच्छ बिहार, स्वच्छ बांका का सपना साकार ?

(बांका से पंकज ठाकुर की ग्राउंड रिपोर्टिंग)

सरकार ने नई-नई योजना देकर लोगों को लुभाने की जो कोशिश की है । अब कहीं ना कहीं साफ दिखने लगा है कि इस योजनाओं पर बिचौलियों के लिए दिन दूनी रात चौगुनी हो रही है । इन्हीं सब सारे सरकारी योजनाओं में एक योजना है लोहिया स्वच्छ अभियान ।

इस योजना के क्या कहने इस योजना में आपको वार्ड से लेकर मुखिया तक सक्रिय दिखेंगे इन्हीं योजनाओं को लेकर जब बिहार पत्रिका ने बांका जिला जाकर उनके प्रखंडों के गाँवो में घूमना शुरू किया तो सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आने लगी सूत्रों पर अगर यकीन करें तो शौचालय निर्माण को लेकर कई ग्रामीण नाम ना छापने की शर्त पर बताते हैं कि हमलोगों को पहले फॉर्म और फोटो के साथ ₹50 देने होते हैं उसके बाद हमारे घर पर आकर उसपर अपना फोटो का जियो टैगिंग करता है अगर आपका जियो टैगिंग हो गया है तो पैसे आने के 1 दिन पूर्व सूचना दे दिया जाता है और भोली भाली जनता के खाते में पैसा आए बिचौलिए उनके घर पर पहुंच कर वसूली कर रहे हैं।

इस जिले में 11 प्रखंड है और इस जिला को 15 दिसंबर तक खुले में शौच मुक्त घोषित करना है। अब ऐसे में सरकार कितनी भी योजना लोगों की भलाई को लेकर चलाए। लेकिन क्या इन योजनाओं का सीधा फायदा उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। इस संदर्भ में जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि यह धंधा एक चैनल के रूप में चल रहा है । अब ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देते हुए इस पर चिंतन करना चाहिए। लेकिन अभी दूर-दूर तक कोई आसार नहीं दिख रहा है अब ऐसे में शौच मुक्त बांका का सपना देखना बिल्कुल बेमानी है

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