रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है केला

अनेक गुणों, मूल्यों और उपलब्धता देखते हुए केले जैसे फल के बारे में यह कहा जा सकता है कि वह एक किफायती और आदर्श फल है। आवश्यक पोषक तत्वों और ऊर्जा की दृष्टि से केला अन्य फलों से कहीं आगे है। इसमें संदेह नहीं कि केले में मुख्य भोजन के गुण मौजूद हैं। प्राकृतिक जीवन के समर्थकों और विद्वानों के अनुसार केला ही एकमात्र ऐसा सर्वसुलभ फल है जिससे हम कम मूल्य में पर्याप्त मात्र में पोषक तत्व प्राप्त कर सकते हैं। दक्षिण भारत में केले को पर्याप्त महत्त्व प्राप्त है। अनेक स्थानों पर केलों की विभिन्न किस्में मिल जाती हैं। केले उबाल कर खाने का भी चलन है। केले को घरों में और खाने की मेज पर पर्याप्त महत्त्व प्राप्त है। हर उम्र के लोग केले बड़े चाव से खाते हैं। एक और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि केले के साथ हरी सब्जियों और मौसमी फलों को शामिल कर लिया जाए तो रोग दूर भागेंगे और शरीर मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ बना रहेगा। केले से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। केले सेवन में थोड़ी सी सावधानी रखी जाए तो और भी अच्छा होगा। पूरी तरह पके केले ही खाने चाहिए। कच्चे केलों की सब्जी बनाकर खाई जाए तो वह भी स्वादिष्ट पौष्टिक होती है पर अधिक तेज मिर्च-मसालों और चिकनाई से बचना चाहिए। खांसी, सिरदर्द, जुकाम, माइग्रेन, कब्ज आदि रोगों में नियमित केले के सेवन से पर्याप्त लाभ मिलता है। प्राय: रोजाना के भोजन में हमें मनपसंद स्वाद पाने की लालसा रहती है। अक्सर स्वादिष्ट भोजन भरपेट से भी ऊपर हो जाता है। विशेष रूप से रात का भोजन करते समय इस प्रवृत्ति से बचना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किये जाने वाले भोजन गरिष्ठ, अधिक नमक और चिकनाई युक्त न हो। अपने पेट की क्षमता को स्वाद के दांव पर लगाना ठीक नहीं होता है।

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