पंचकुला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को रेप केस में दोषी क़रार दिया है। साल 2002 में इस रेप केस की जानकारी पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने पहली बार दी थी।
रामचंद्र छत्रपति सिरसा के सांध्य दैनिक श्पूरा सचश् के संपादक थे। साध्वी के साथ हुए कथित रेप की खबर प्रकाशित करने के कुछ महीने बाद ही छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने अख़बार में डेरा सच्चा सौदा की अच्छी और बुरी ख़बरों को छापते थे जिसके कारण उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलती रहती थीं। साल 2000 में सिरसा में रामचंद्र छत्रपति ने वक़ालत छोड़कर ष्पूरा सचष् के नाम से अख़बार शुरू किया था। 2002 में उन्हें एक गुमनाम चिट्ठी हाथ लगी जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण की बात थी। उन्होंने उस चिट्ठी को छाप दिया जिसके बाद उनको जान से मारने की धमकियां दी गईं।
आख़िरकार 19 अक्टूबर की रात छत्रपति को घर के आगे गोली मार दी गईण् इसके बाद 21 अक्टूबर को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इस मध्य वह होश में आए लेकिन राजनीतिक दबाव कारण छत्रपति का बयान तक दर्ज नहीं किया गया जिसके बाद उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की।
छत्रपति का परिवार आज भी उनकी हत्या के मामले में न्याय का इंतजार कर रहा है। यह मामला भी उसी सीबीआई कोर्ट में चल रहा है जिसने राम रहीम को रेप मामले में दोषी ठहराया है।
राम रहीम पर फैसला आने के साथ ही पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के लिए सोशल मीडिया पर न्याय की मांग उठने लगी है।
Advertisement