मधुप मणि “पिक्कू”
फिल्मो में हमलोग गाने सुनते हैं और कहते हैं की उस हीरो का वह गाना बहुत अच्छा है। जबकि वह गीत कोई और गाता है, और फिल्मांकन किसी और पर किया जाता है। परदे पर दिखने वाले हीरो के तालियाँ बजती हैं और परदे के पीछे के असली कलाकार बहुत कम लोग जान पाते हैं। हम आपको सरकार की बहुत सारी योजनाओं को सफल बनने वाले परदे के पीछे बैठे लोगों की जानकारी आपको दे रहे हैं।
पीएम मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में डिजिटल इंडिया योजना सबसे मुख्य थी। इसका क्रियान्वयन बहुत कठिन था क्योंकि जिस देश में साक्षरता का प्रतिशत कम हो वहां डिजिटली साक्षरता असंभव सा दिखता था। ऐसे में ये योजना बिलकुल चुनौती जैसी थी। देश में आजादी के बाद केंद्र सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में होने वाली समस्या का जिक्र पूर्व प्रधान मंत्री स्व० राजीव गाँधी ने स्वयं किया था। परन्तु इन योजनाओं को सही व्यक्ति तक सही समय पर पहुँचाने के लक्ष्य को पूरा किया मोदी सरकार ने। ऐसा नहीं है कि नरेन्द्र मोदी अपने लक्ष्य में पूरी तरह से कामयाब हो गए। परन्तु कम समय में उन्होंने अधिकतम क्षेत्रों तक लाभ पहुँचाने का कार्य किया।
पीएम मोदी के इस महत्वकांक्षी योजना में सबसे अधिक भार था सुचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद पर। देश में सरकार से सहायता प्राप्त और सम्बद्ध एक एजेंसी है #सीएससी। गौरतलब है कि इस एजेंसी का नेटवर्क पुरे भारत तकरीबन हर ग्राम पंचायत में है। यह एजेंसी रविशंकर प्रसाद के विभाग के अधीन कार्यरत है। पीएम मोदी की योजनाओं को जमीं पर साकार करने में सी एस सी का सबसे महत्वपूर्ण रोल रहा है। चुकि सी एस सी का नेटवर्क ग्राम पंचायत स्तर तक है इसलिये योजना को साकार करने में बहुत मदद मिली। ऐसा नहीं की सी एस सी बीजेपी सरकार में आने के बाद बनी, सी एस सी काफी पुरानी एजेंसी रही है परन्तु पिछली सरकारों ने इसे इतना सक्रीय नहीं बनाया था जिससे यह केवल कागज पर ही रह गयी थी। पीएम मोदी की योजनाओं के क्रियान्वयन में मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सी एस सी का भरपूर फायदा उठाया।
सीएससी के कप्तान हैं डा० दिनेश त्यागी
सी एस सी के सीईओ दिनेश त्यागी एक तेज तर्रार अधिकारी हैं। उन्होंने ने भी सरकार के साथ कदम से कदम मिलकर हर योजनाओं को सफल करने में अपनी पुरी टीम को लगा दिया। यहाँ पर परदे पर दिखने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी और मंत्री रविशंकर प्रसाद सिर्फ कलाकार नहीं बल्कि डायरेक्टर के रूप में भी रहें। वहीँ दूसरी ओर परदे के पीछे कार्य करने वाले सी एस सी के सीईओ दिनेश त्यागी भी ने अपनी गायकी में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब कप्तान बेहतर हो तो टीम भी अच्छे से खेलती है। चुकि पीएम के रूप में एक बेहतरीन कप्तान मिला तो बाकी लोग स्वतः बेहतरीन मिलते गए।
रविशंकर प्रसाद ने योजनाओं को उतारा धरातल पर
बिहार में भी रविशंकर प्रसाद को संतोष तिवारी जैसे सी एस सी के कप्तान मिल गए। बतौर मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सी एस सी के माध्यम से जमीनी स्तर पर बहुत कार्य किये हैं। पटना जिले के कई गाँवों को डिजिटल बनाने के लिए रविशंकर प्रसाद ने अपने विभाग इसी इकाई सीएससी के द्वारा पटना हीं नहीं राज्य के अधिकतर गाँवों में प्रधानमंत्री की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया। गौरतलब है कि सरकार की कई ऐसी योजनाएँ हैं जिसका लाभ सीधे ग्रामीण और गरीब जनता को मिलता है पर यह योजनाएँ ससमय या तो लोंगो तक नहीं पहूँच पाती थी या बंदरबांट हो जाता था। मोदी सरकार के कार्यकाल में आये डिजिटल क्रान्ति के माध्यम से नयी योजनाएँ तो लागु हुइ हीं पुरानी योजनाओं का भी लाभ समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहूँचने लगा। इस काम को अंजाम तक लाने में सीएससी का बहुत बड़ा रोल है। सीएससी के माध्यम से हीं सरकार की योजनाएँ समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहूँच पाया है। मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस नेटवर्क का भरपुर फायदा उठाया और सरकार की योजनाओं को हर गाँव तक पहूँचाया।बिहार की बात करें तो बिहार में सी एस सी की इकाई हर ग्राम पंचायत में है। बिहार के आठ हज़ार तीन तिरसठ (8363) पंचायत में हर पंचायत में सक्रीय सी एस सी कार्यरत हैं।
डिजिटल लेन-देन
डिजिटल पेमेंट की बात करें तो बिहार में 2018 – 19 वित्तीय वर्ष में 632.76 करोड़ का टर्न ओवर हुआ। डिजिटल लेन-देन बाईस लाख अठासी हज़ार एक सौ एग्यारह (2288111) हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में डिजिटल पेमेंट को लेकर लोगो में सक्रियता बढ़ी है। ये सभी लेन-देन सी एस सी के माध्यम से हुआ है। बैंकिंग के माध्यम से भी करोड़ो रूपये का लेन-देन किया गया है।
प्रधान मंत्री ग्रामीण साक्षरता अभियान
सी एस सी बिहार के प्रमुख संतोष तिवारी की टीम ने इन योजनाओं को सफल बनने में हर संभव प्रयास किया। डिजिटली साक्षरता हेतु चलाये गए प्रधान मंत्री ग्रामीण साक्षरता अभियान के अंतर्गत सी एस सी ने 91,5,886 लोगो को डिजिटली साक्षर किया। इसके माध्यम से साक्षर हुए लोगो को सी एस सी ने न सिर्फ रोजगार देने का कार्य किया बल्कि गांवों में बिचौलियों की भूमिका ख़त्म हो गयी।
स्त्री स्वाबलंबन
मोदी सरकार की एक और योजना स्त्री स्वाबलंबन के अंतर्गत सेनेटरी नैपकिन की यूनिट को बैठने में भी सी एस सी का बहुत महत्वपूर्ण रोल रहा है। अभी तक बहुत कम समय में इसकी 46 यूनिट बिहार में लगायी जा चुकी है। जिसमे अररिया, औरंगाबाद, भागलपुर, बक्सर, जहानाबाद, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, सीतामढ़ी, सुपौल और वैशाली में एक-एक, कटिहार, मुजफ्फ़रपुर, नालंदा और सारण में दो-दो, पूर्वी चंपारण में तीन, समस्तीपुर में चार और पटना में 20 यूनिट अभी तक लगाई जा चुकी है। इस योजना का लाभ सीधे-सीधे ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा है।
डीजी गाँव योजना
डीजी गाँव योजना के अंतरगत बिहार को मंत्री फण्ड से 57 गाँव का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमे 47 गाँव को डीजी गाँव बनने में सी एस सी को सफलता मिली है। डिजिटल विलेज हेतु MeiTY से 39 का लक्ष्य मिला था जिसे शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया। वही HDFC की तरफ से 50 का लक्ष्य मिला था वह भी शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया।
पटना जिला के कई गांव हुए वाई-फाई युक्त
पटना जिला के अन्तर्गत आने वाले कई गावों को भी डिजिटल गांव बना दिया गया है और कई डिजिटल गांव में सैनिटरी नैपकिन की यूनिट भी लगा दी गई और वाई फाई सेवा से युक्त कर दिया गया है जिससे की लोगो को सभी ऑनलाइन सुविधा उनके गावों में ही मिल रहा है और जो सक्रिय रूप से काम कर रही है। पटना के ग्रामीण क्षेत्रों में 5 बीपीओ की शुरुआत की गयी, जिससे स्थानीय लडकियों के लिए रोजगार का सृजन हुआ।